अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तारीख बिल्कुल नजदीक आ चुकी है। लेकिन देश में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। हर पक्ष के अपने तर्क हैं। लेकिन यह बात तो साफ ही है कि धर्म और राजनीति अलग-अलग चीजें हैं। उनके घालमेल पर कई बार खतरनाक नतीजे आते हैं। वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार त्रिपाठी की टिप्पणी पढ़िए और उनकी इस महत्वपूर्ण लाइन पर विचार कीजिए- अयोध्यावादी जीत रहे हैं और अयोध्यावासी हार रहे हैं।