इस्तीफा देते हुए उन्होंने कहा है कि वह वर्तमान परिस्थितियों में" पार्टी के साथ काम नहीं कर सकते। ध्रुवीकरण, वोट-बैंक की राजनीति और विभाजनकारी राजनीति ने पश्चिम बंगाल में पार्टी की संभावनाओं को बर्बाद कर दिया है।
आज नेताजी की जयंती है और इसे देश में पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। आरएसएस के राजनीतिक मुखौटे बीजेपी सरकार बहुत जोरशोर से कार्यक्रम कर रही है। लेकिन जरा जानिए कि नेताजी आरएसएस की विचारधारा के क्यों खिलाफ थे। इतिहास पर नजर डालता यह महत्वपूर्ण लेख जरूर पढ़िए।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विरासत को हथियाने में लगी भारतीय जनता पार्टी के लोग क्या उन्हें ठीक से पहचानते तक नहीं है? राष्ट्रपति रामनाथ कोविंदं ने उनकी फ़र्जी तसवीर का अनावरण कैसे कर दिया?
उग्र हिन्दुत्व की राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी भले ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस को अपना साबित करने और उनकी विरासत को हड़पने की कोशिश कर रही हो, सच यह है कि मुसलमानों पर सुभाष बाबू की राय बीजेपी की राय से बिल्कुल अलग थी।