मेघालय में सरकार बनाने को लेकर नाटकीय घटनाक्रम हो रहे हैं। कोनराड संगमा की एनपीपीपी ने कल शुक्रवार को सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया था लेकिन देर शाम को वहां की क्षेत्रीय पार्टी ने समर्थन वापस ले लिया।
त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में कोई आश्चर्य नहीं। नतीजे उम्मीद के मुताबिक ही आए। लेकिन क्या इन नतीजों में कोई संदेश छिपा है? क्या कह रहे हैं इन तीन राज्यों के चुनाव नतीजे? और क्या उपचुनावों को भी समझने की जरूरत है? आलोक जोशी के साथ कार्तिकेय बत्रा।
पूर्वोत्तर के दो महत्वपूर्ण राज्यों नागालैंड और मेघालय में आज सोमवार को वोट डाले जा रहे हैं। इन दोनों राज्यों के नतीजे 2 मार्च को त्रिपुरा के नतीजों के साथ आएंगे।
पूर्वोत्तर के दो महत्वपूर्ण राज्यों नागालैंड और मेघालय में कल सोमवार 27 फरवरी को मतदान है। इनके नतीजे त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के साथ 2 मार्च को आएंगे। जानिए आखिर नागालैंड और मेघालय के चुनाव को बीजेपी और कांग्रेस इतनी गंभीरता से क्यों ले रहे हैं।
मेघालय में चुनाव होने जा रहा है। ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी वहां किस्मत आजमाने पहुंच गई है। ऐसे में सवाल यह है कि टीएमसी का वहां कोई जनाधार नहीं है, तो क्या वहां टीएमसी विपक्ष को हराने के लिए चुनाव लड़ने गई है।
इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। उनमें से पूर्वोत्तर के 3 राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान आज बुधवार दोपहर को चुनाव आयोग ने कर दिया। इनमें से त्रिपुरा विधानसभा चुनाव का खास महत्व है।