बुधवार को चंद्रमा पर एक नई सुबह हो चुकी है। इसके साथ ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर और रोवर मॉड्यूल को उनकी नींद से जगाने की कोशिश करने के लिए कमर कस रहा है।
चंद्रयान 3 की सफलता भारत के अंतरक्षि मार्केट में निवेश लाएगी। अभी तक अमेरिका में ही प्राइवेट कंपनियां अंतरिक्ष मार्केट में निवेश के लिए जानी जाती हैं। तो यह सफलता पैसे के मद्देनजर से भी महत्वपूर्ण होगी। फिलहाल उम्मीद कायम है। बुधवार 23 अगस्त को इतिहास बनना तय है।
भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 उतारने की कोशिश कर रही है। यह एक ऐसा मिशन है जो भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ा सकता है। चांद पर पानी और बर्फ के बारे में नई खोज कर सकता है। चांद पर पानी इसके सबसे कीमती संसाधनों में से एक हो सकता है।
चाँद की सतह पर चंद्रयान-2 मिशन के विक्रम लैंडर की जगह का पता भले ही चल गया हो लेकिन इसरो के वैज्ञानिकों का मानना है कि जैसे-जैसे संपर्क स्थापित होने में देरी हो रही है, वैसे-वैसे इसकी संभावना कम होती जा रही है।
चंद्रयान-2 मिशन के जिस विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया था उसकी जगह का पता चल गया है। इसरो ने कहा कि थर्मल इमेज से लैंडर की जानकारी तो मिली है, लेकिन संपर्क स्थापित नहीं हो सका है।
चाँद पर उतरने से पहले भले ही चंद्रयान-2 मिशन से संपर्क टूट गया है, लेकिन यह बहुत बड़ी सफलता है। जहाँ अमेरिका ने बहुत बड़ा क़दम’ बताया वहीं नासा ने इसरो को प्रेरक बताया।