Satya Hindi news Bulletin हिंदी समाचार बुलेटिन । घोषी उपचुनाव ने बीजेपी के कान खड़े कर दिए, अब लगी पार्टी । ‘कश्मीर में शहीद जवानों को मोदी सरकार ने श्रद्धांजलि तक नहीं दी’
क्या घोसी उपचुनाव नतीज़ों को लेकर विपक्षी गठबंधन इंडिया यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूशिव एलायंस की 1977 के जनता प्रयोग से तुलना की जा सकती है? जानिए, क्या समानता है।
यूपी में घोसी विधानसभा उपचुनाव का नतीजा भाजपा की कई नीतियों को ध्वस्त करता नजर आ रहा है। हालांकि इससे पहले भी उपचुनाव के नतीजे आए हैं जो सामान्य जीत-हार की खबर बनकर रह जाते थे। लेकिन यहां चुनाव इंडिया बनाम एनडीए था। क्योंकि एनडीए में शामिल ओमप्रकाश राजभर और डॉ संजय निषाद की पार्टियां घोसी में भाजपा प्रत्याशी का खुलकर समर्थन कर रहे थे। बसपा प्रमुख मायावती ने नोटा वोट देने का आह्वान कर इस चुनाव को अलग मोड़ देने की कोशिश की। इसलिए यह साधारण जीत नहीं है।
यूपी के घोसी उप चुनाव में बीजेपी की करारी हार । साथ ही पंचायत के चुनावों में भी समाजवादी पार्टी ने बाज़ी मार ली । इस हार के लिये कौन ज़िम्मेदार है ? योगी क्या लेंगे ज़िम्मेदारी या फिर ये मोदी शाह की हार है ? दारा सिंह चौहान जैसे दलबदलुओं को पार्टी में लाने की सजा है या फिर महंगाई से परेशान जनता में सजा दी है ?
घोसी उपचुनाव में बीजेपी की करारी हार का क्या मतलब है? इसे मोदी-योगी की हार माना जाए या अखिलेश यादव की जीत? सात सीटों पर हुए उपचुनाव में एनडीए ने बेहतर प्रदर्शन किया या फिर इंडिया ने? इंडिया बनने के बाद हुए इन उपचुनाव से क्या राजनीतिक संदेश निकलते हैं? क्या नतीजे इंडिया का आत्मविश्वास बढ़ाने वाले हैं?
भाजपा के गढ हिंदी पट्टी के सबसे महत्वपूर्ण घोसी उप चुनाव में भाजपा चारो खाने चित्त हो गई. समाजवादी पार्टी ने सरकार के हर हथकंडा अपनाए जाने के बावजूद भाजपा उम्मीदवार को भारी मतों से हरा दिया है. यही नहीं जिला पंचायत के उप चुनाव में भाजपा को समाजवादी पार्टी ने हरा दिया है. यह सब 24 से पहले का दृश्य है. क्या हवा बदल गई. आज की जनादेश चर्चा.
छह अलग-अलग राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर हुए उप-चुनावों में 4-3 के स्कोर के साथ, INDIA गठबंधन ने न केवल यह दिखाया है कि एकजुट विपक्ष क्या कर सकता है, बल्कि इसने शक्तिशाली भाजपा को भी टक्कर दे दी है।
लेकिन क्या हम कह सकते हैं - अच्छी शुरुआत का मतलब आधा काम होता है?
क्या उत्तर प्रदेश के घोसी में होने वाले उपचुनाव में विपक्षी गठबंधन इंडिया की मिली जुली कोशिश दिख रही है? जानिए, आखिर घोसी का उपचुनाव चर्चा में क्यों है।