लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों को प्रचार के लिए दूरदर्शन और आकाशवाणी पर जो समय दिया जाता है, उसमें भी विपक्षी दलों के नेताओं के भाषणों पर सेंसर क्यों?
दूरदर्शन की शुरुआत 1959 में हुई थी। इसके लोगो का रंग नीला था। लेकिन इसके अधिकारियों ने अब इसके लोगो को भगवा रंग में कर दिया है। ये बदलाव सामान्य नहीं है। भाजपा और संघ परिवार की पहचान इसी रंग से है। ऐसे में दूरदर्शन के लोगो का रंग बदलने पर सभी का ध्यान गया है। सोशल मीडिया पर इसकी तीखी आलोचना हो रही है।
राजीव गाँधी जब प्रधानमंत्री थे तो एक दिन वो काम करके घर लौटे और टीवी देखने लगे। दूरदर्शन पर चलनेवाले कार्यक्रमों से उनको निराशा हुई। फिर उन्होंने रामायण, महाभारत जैसे कार्यक्रम शुरू करने की सलाह दी।