श्रीलंका में गुरुवार 14 नवंबर को आम चुनाव हो रहे हैं। 2022 की आर्थिक मंदी पर जनता के गुस्से के कारण सितंबर में सत्ता संभालने वाले 55 वर्षीय अनुरा डिसनायके ने 24 सितंबर को संसद भंग कर दी थी, जिससे आम चुनाव का रास्ता साफ हो गया। डिसनायके मार्क्स-लेनिन के विचारों से प्रभावित हैं। पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के शासन के खिलाफ छेड़े गए आंदोलन में उनके विचारों से श्रीलंका के लोग काफी प्रभावित हुए थे।
मोदी सरकार की विदेश नीति पर अब एक और सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आख़िर पड़ोसियों तक से भारत के संबंध क्यों बिगड़ते जा रहे हैं? मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल के बाद अब श्रीलंका को लेकर क्यों यह आशंका जताई जा रही है?
श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना यानी जेवीपी के अनुरा कुमारा दिसानायके की जीत मिली है। जानिए, उनकी चीन और भारत को लेकर क्या रणनीति रहेगी।
श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में मार्क्सवादी अनुरा कुमारा दिसानायके और उनकी पार्टी जेवीपी की जीत के मायने क्या हैं? जानिए, भारत को उनकी यह जीत किस रूप में प्रभावित करेगी।
श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में यह जीत न केवल अनुरा कुमारा दिसानायके के लिए एक व्यक्तिगत जीत है, बल्कि उनकी वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना यानी जेवीपी के लिए भी एक अहम पल भी है। जानिए, कौन हैं दिसानायके और उनकी पार्टी का इतिहास।