डीआरडीओ के पूर्व प्रमुख विजय कुमार सारस्वत ने 2012 में एक इंटरव्यू में इस बात को स्वीकार किया था कि भारत के पास ऑर्बिट में किसी सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता है।
भारत के ‘मिशन शक्ति’ पर टिप्पणी करते हुए चीन ने बुधवार को उम्मीद जताई कि सभी देश अंतरिक्ष में शांति बनाए रखेंगे। दूसरी ओर पाक में इमरान ख़ान ने बैठक की।
भारत एंटी सैटेलाइट वेपन यानी एसैट से लैस देश बन गया है। भारत इस क्षमता को प्रदर्शित करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। इससे पहले यह क्षमता अमेरिका, रूस और चीन के पास ही थी। तो यह इतना ख़ास क्यों है और इसकी इतनी महता क्यों है?
अंतरिक्ष में किसी सैटेलाइट को ध्वस्त करने की क्षमता रखने वाला भारत चौथा देश बन गया है। इस पर राहुल गाँधी ने तंज कसा है कि मोदी को विश्व रंगमंच दिवस की हार्दिक बधाई।
एंटी सैटेलाइट वेपन अंतरिक्ष में लड़ा जाना एक हथियार है। यदि किन्हीं दो देशों के बीच युद्ध हुआ तो एंटी सैटेलाइट हथियार से दुश्मन देशों के सैटेलाइट यानी सूचना-तंत्र को तबाह किया जा सकता है।