चुनाव में रिश्वत के आरोप लगते ही रहे हैं। लेकिन आंध्र प्रदेश में तो वोट के बदले पैसा नहीं मिलने पर रविवार को प्रदर्शन हुए। केंद्रीय चुनाव आयोग जो विपक्ष की शिकायतों पर कान में तेल डाले बैठा हुआ है, उसके लिए ऐसे प्रदर्शन का कोई मतलब नहीं रह गया है। रविवार को आंध्र में प्रदर्शन हुए लेकिन उसने इनका संज्ञान ही नहीं लिया। चुनाव आयोग ने नफरती भाषण को जिस तरह न्यू नॉर्मल में बदल दिया है, ठीक उसी तरह चुनाव में रिश्वत को भी स्वीकार करने को अप्रत्यक्ष तौर पर कहा जा रहा है। जानिए क्या हुआ आंध्र प्रदेश मेंः