लालू प्रसाद के कहे अनुसार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पेट में दांत हों या ना हों लेकिन नीतीश ने यह जरूर साबित किया है कि इस समय बिहार की राजनीति में उनसे बड़ा खिलाड़ी कोई नहीं है। ऐसे समय में जबकि जदयू के पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह के बारे में यह नारा लग रहा था कि 'बिहार का मुख्यमंत्री कैसा हो आरसीपी सिंह जैसा' हो, जदयू ने शुक्रवार को एक ऐसा पत्र जारी किया जिसमें बेहद गंभीर आरोप लगाए गए हैं। और कोई यह नहीं मान सकता कि यह काम नीतीश कुमार के प्लान से अलग किया गया होगा।

एक वक्त में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबियों में शुमार रहे आरसीपी सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। क्या वह जदयू छोड़ देंगे?
इस पत्र के आधार पर दैनिक भास्कर ने सुर्खी लगाई है' "आरसीपी परिवार ने 9 साल में 58 प्लॉट खरीदे।"
नीतीश कुमार के खास और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को यह पत्र भेजा है जिसमें उन्होंने लिखा कि नालंदा जिला जदयू के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद पत्र प्राप्त हुआ है। इसमें उल्लेख है कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपके और आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत संपत्ति निबन्धित कराई गई है।