संभावनाओं के द्वार कल्पनाओं से भी ऊँचे होते हैं। प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद हापुड़ की दो बेटियों ने जज बनकर यह जोरदार तरीक़े से साबित किया है। हापुड़ की अरीबा राजपूत ने दिल्ली न्यायिक सेवा में 68वीं और सहारनपुर की आयशा खान ने झारखंड न्यायिक सेवा में 7वीं रैंक अर्जित कर न केवल कामयाबी की कहानी को लिखा, बल्कि समाज के पिछड़ेपन से उबरने और लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने का भी काम किया है।
मुस्लिम लड़कियों में क्यों बढ़ रहा जज बनने का रुझान?
- समाज
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- 3 Apr, 2023

मुसलिम महिलाएँ भी काफ़ी तरक्की कर रही हैं और उनमें जज बनने के लिए रुझान बढ़ रहा है। जानिए आख़िर उनका रुझान इस ओर क्यों बढ़ रहा है।
एक और खास और प्रेरक बात यह है कि ये दोनों लड़कियाँ ग्रामीण अंचल से आती हैं, दोनों पढ़ाई के लिए अपने गांव से बाहर निकलीं और उनके परिवार ने इन्हें हर तरह से सहयोग किया। अरीबा राजपूत हापुड़ की हैं और उनके पिता इंसाफ अली राजपूत यहीं डॉक्टर हैं, दूसरी तरफ़ आयशा खान सहारनपुर के संसारपुर इलाके के एक बेहद पिछड़े हुए गांव झंडियां की रहने वाली हैं। आयशा खान ने अपनी पढ़ाई गंगोह की शोभित यूनिवर्सिटी से की है। अरीबा ने मेरठ में लॉ कोचिंग इंस्टीट्यूट से न्यायिक सेवा की तैयारी की।