खालिस्तान समर्थक और कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह को लेकर पंजाब पुलिसकर्मियों की सभी छुट्टियाँ एक हफ्ते तक रद्द कर दी गई हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह दावा किया गया है। कहा जा रहा है कि अमृतपाल सिंह द्वारा सरबत खालसा का आह्वान किये जाने को लेकर पंजाब पुलिस ने 14 अप्रैल तक राज्य में सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियाँ रद्द की गई हैं।
भगोड़े अमृतपाल सिंह ने एक के बाद एक कई वीडियो जारी किए हैं और सिखों से सरबत खालसा बुलाने को कहा है। सरबत खालसा पंथक संकट को हल करने के लिए विभिन्न सिख संगठनों की बुलाई हुई सभा को कहा जाता है। क़रीब हफ्ते भर पहले 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख ने एक लाइव वीडियो जारी कर कहा था कि उसके खिलाफ सरकार की कार्रवाई 'उसकी गिरफ्तारी नहीं बल्कि सिख समुदाय पर हमला है।'
उसने कहा था कि उसने अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से अनुरोध किया है कि बैशाखी के अवसर पर तलवंडी साबो में सरबत खालसा आयोजित करें ताकि 'लोगों के मन में सरकार द्वारा पैदा किए गए डर को दूर किया जा सके।' बता दें कि 'सरबत खालसा' सभाओं को केवल दो अन्य अवसरों पर - 2015 और 1986 में बुलाया गया था। आखिरी बार 16 फरवरी, 1986 को आयोजित किया गया था।
वारिस पंजाब दे का प्रमुख अमृतपाल सिंह क़रीब 20 दिन से फरार है। लेकिन उसके चाचा हरजीत सिंह और दलजीत सिंह कलसी सहित उनके आठ क़रीबी सहयोगियों को गिरफ्तार कर डिब्रूगढ़ भेज दिया गया है।
बहरहाल, एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने अधिकारियों को भेजे संदेश में कहा है कि सभी राजपत्रित और अराजपत्रित अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। उन्होंने कहा है कि पूर्व में स्वीकृत किए गए सभी अवकाश रद्द कर दिए गए हैं और प्रमुखों को 14 अप्रैल तक कोई नया अवकाश स्वीकृत नहीं करने को कहा गया है।
शीर्ष गुरुद्वारा निकाय शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी यानी एसजीपीसी ने अमृतपाल के अनुरोध के बाद कहा कि केवल अकाल तख्त प्रमुख ही सिख विद्वानों और बुद्धिजीवियों के साथ परामर्श के बाद इस तरह की मण्डली बुलाने का फैसला कर सकते हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण ने कहा, "यह अमृतपाल सिंह की व्यक्तिगत इच्छा है। यह अकाल तख्त के जत्थेदार का एकमात्र विशेषाधिकार है कि वह 'सरबत खालसा' बुलाए या नहीं।"
अपनी राय बतायें