कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रायबरेली के मतदाताओं को आज वर्चुअली संबोधित किया। हालांकि सोनिया का यह बयान पूरे यूपी चुनाव के लिए है। इस संबोधन में उन्होंने किसानों से लेकर युवकों, महिलाओं, मजदूरों की समस्याओं पर नजर डाली।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि 5 साल तक सभी लोगों ने ऐसी सरकार देखी जिसने आपस में मतभेद पैदा करने के अलावा कुछ भी नहीं किया। किसान बहुत मेहनत से फसल पैदा करते हैं। लेकिन उन्हें अपनी फसल का न दाम मिला, न खाद मिली, सिंचाई तक की सुविधा नहीं मिली। किसानों के साथ धोखा हुआ है।
दुकानदारों और छोटे व्यापारियों के दर्द को छूते हुए सोनिया गांधी ने कहा - लॉकडाउन में सारा काम धंधा बंद था। प्रवासी मजदूरों का काम छिन गया। उन्हों मीलों पैदल चलने का दर्द सहा। लेकिन मोदी-योगी सरकार ने गैर जिम्मेदाराना बर्ताव किया और मजदूरों से मुंह फेर लिया और आंखें बंद कर लीं। सरकार ने किसी को कोई राहत नहीं दी। राहत के नाम पर झूठ बोला गया। मालूम हो कि लॉकडाउन की दूसरी लहर के दौरान देश के तमाम बड़े शहरों से यूपी-बिहार के मजदूरों का पलायन हो गया था। उनके पलायन के फोटो और वीडियो देखकर पूरा भारत हिल गया था। कांग्रेस अध्यक्ष ने युवकों पर फोकस करते हुए कहा-
सोनिया ने रायबरेली के मतदाताओं से अनुरोध किया कि वो वोट डालते समय इन तमाम बातों का ख्याल रखें। उन्होंने कांग्रेस पार्टी को वोट देने की अपील की। यूपी चुनाव 2022 के तीन चरण गुजरने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष का यह बयान पहली बार आया है। 23 फरवरी को रायबरेली में भी वोट डाले जाएंगे। हालांकि कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष का यह बयान पहले ही आ जाना चाहिए था।
बता दें कि हाल ही में बीजेपी के कई नेताओं ने सोनिया गांधी का जिक्र कई वजहों से किया। जिसमें असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का विवादास्पद बयान शामिल था। इस पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ऐतराज करते हुए कहा था कि वो एक शहीद (राजीव गांधी) की पत्नी को इस चुनाव में क्यों घसीट रहे हैं।
अपनी राय बतायें