घोसी विधानसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी के उम्मीदवार दारा सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि उन पर स्याही फेंकना एक साजिश का हिस्सा है। चौहान ने विपक्ष पर साजिश रचने का आरोप लगाया है और कहा है कि यह विपक्ष की हताशा को दर्शाता है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की बढ़ती लोकप्रियता से विपक्ष को आगामी उपचुनाव में हार का डर सता रहा है। लेकिन दारा का बयान किसी के गले नहीं उतर रहा है। क्योंकि स्याही फेंकने के आरोपी का बयान कुछ और है।
This is anger against BJP across the nation.
— Amock (@Politics_2022_) August 20, 2023
Black ink was thrown on BJP candidate for Ghosi Bypoll Dara Singh Chauhan.
No TV media will show this to you. Tides are turning, change is inevitable.🔥🔥pic.twitter.com/X41pP4yULU
दारा सिंह चौहान ने कहा- “मैं एक कार्यक्रम में भाग लेने गया था जहाँ किसी ने मुझ पर स्याही फेंक दी। इससे साफ पता चलता है कि उन्हें चुनाव हारने का डर सता रहा है। समाजवादी पार्टी ने यह साजिश रची है। हमने पुलिस को सूचित कर दिया है। वे जांच कर रहे हैं। इसमें शामिल आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
घटना में नाटकीय मोड़
स्याही फेंकने के कांड में सोमवार 21 अगस्त को नाटकीय घटनाक्रम सामने आया। पुलिस इस घटना में मोनू यादव उर्फ डायमंड की तलाश कर रही थी। मोनू यादव नामक युवक सोमवार को थाने में सरेंडर के लिए प्रकट हुआ लेकिन खुद को पुलिस के हवाले करने से पहले उसने मीडिया से खुलकर बात की। मोनू यादव उर्फ डायमंड ने मीडिया के सामने कैमरे के सामने आकर बयान दिया कि उसे भाजपा नेता ने ही दारा सिंह चौहान पर स्याही फेंकने को कहा था। तो उसने इसलिए जाकर स्याही फेंक दिया। उसने मीडिया से कहा कि भाजपा नेता ने उससे कहा था कि घोसी सीट जरा फंस गई है तो यह कराना जरूरी है, ताकि जनता की हमदर्दी दारा सिंह चौहान के लिए हो सके।कल आपने देखा कि यूपी में एक BJP उम्मीदवार पर स्याही फेंकी गई.
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) August 21, 2023
आज स्याही फेंकने वाला थाने में सरेंडर करने पहुंचा.
स्याही फेंकने वाला बोला- BJP नेता ने स्याही फेंकने को कहा था. बताया कि चुनाव फंस रहा है, स्याही फेंक दो. pic.twitter.com/Bmof07vrec
दारा सिंह चौहान ने अपने ऊपर फेंकी गई स्याही को लेकर सपा पर गंभीर आरोप लगाए तो इसके पलटवार में घोसी विधानसभा उपचुनाव में सपा के प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने उनके हमले का जवाब दिया है, सुनिए।#DaraSinghChauhan #Ghosi #ByPollElection pic.twitter.com/oPbScZ6FZQ
— UP Tak (@UPTakOfficial) August 20, 2023
अखिलेश का जवाब
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने दारा सिंह चौहान के आरोप पर कहा कि घोसी में सारे समीकरण ध्वस्त हो चुके हैं। सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह को सभी धर्म के लोगों का समर्थन मिल रहा है। उन्होंने स्याही फेंकने की घटना पर कहा कि अपनों ने ही अपनों पर दाग लगाया। भाजपा हमदर्दी लेकर यह उपचुनाव जीतना चाहती है। लेकिन ये खेल पुराना हो गया है और जनता सब समझती है।क्यों हो रहा है घोसी उपचुनाव
समाजवादी पार्टी के टिकट पर घोसी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक दारा सिंह चौहान के अपने पद से इस्तीफा देने के बाद घोसी उपचुनाव आवश्यक हो गया था। इस्तीफे के बाद, चौहान भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और उन्हें भाजपा ने उपचुनाव में मैदान में उतारा है। जबकि समाजवादी पार्टी ने चौहान के सामने सुधाकर सिंह को मैदान में उतारा है। समाजवादी पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में चौहान को मैदान में उतारने के लिए पार्टी के वफादार सुधाकर सिंह को छोड़ दिया था।
भाजपा नेता उज्ज्वल मिश्रा का बड़ा आरोप भाजपा अब कार्यकर्ता की पार्टी नही है दारा सिंह चौहान को हराना अंतिम लक्ष्य।#ghosiupchunav #DaraSinghChauhan #SudhakarSingh #CMYogi #ujjwalmishra pic.twitter.com/9zrhYn3CdP
— Pankaj Rajbhar (@Pankaja2y) August 17, 2023
जब दारा सिंह चौहान ने 16 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल किया, तो उनके साथ उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर, निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) पार्टी के प्रमुख संजय निषाद और उनके समर्थक थे। चौहान ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में कार्य किया था। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता अरुण राजभर ने भी बीजेपी के साथ सुर में सुर मिलाते हुए स्याही फेंकने की घटना के लिए समाजवादी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है।
I.N.D.I.A के गठन और सुहेलदेव भारत समाज पार्टी के भाजपा से गठबंधन करने के बाद यह पहला उपचुनाव है, जो यूपी में हो रहा है। हालांकि चुनाव से विधानसभा की सीटों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है, दोनों पार्टियां घोसी में जीत हासिल करने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही हैं, जिसका एक बड़ा कारण संसदीय चुनाव से पहले गैर-यादव ओबीसी पर लोकप्रियता का दावा करना है।
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