ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि तृणमूल कांग्रेस अगले साल लोगों के समर्थन से अकेले ही चुनाव लड़ेगी। ममता की घोषणा के अनुसार 2024 में वह 42 सीटों को प्रभावित कर सकती हैं। माकपा और कांग्रेस पर भाजपा के साथ साठगांठ का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, 'अगर अपवित्र गठबंधन होगा तो कांग्रेस भाजपा से कैसे लड़ेगी? वामपंथी भाजपा से कैसे लड़ेंगे... सीपीएम और कांग्रेस कैसे भाजपा विरोधी होने का दावा कर रही हैं?'
ममता क्यों बोलीं- 2024 में अकेले चुनाव लड़ेंगे, विपक्षी एकता खटाई में?
- राजनीति
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- 3 Mar, 2023

क्या 2024 के लिए विपक्षी एकता की कोई संभावना है? यदि ऐसा है तो फिर ममता बनर्जी अकेले चुनाव लड़ने की बात क्यों कह रही हैं? क्या विपक्ष एकजुट हो भी पाएगा?
वह पश्चिम बंगाल के सरदिघी में हुए उपचुनाव के संदर्भ में बोल रही थीं जहां कांग्रेस ने सत्तारूढ़ तृणमूल से विधानसभा की सीट छीन ली है। ममता ने कहा है कि कांग्रेस, वामपंथी और भाजपा सभी ने सरदिघी में 'सांप्रदायिक कार्ड' खेला है। उन्होंने कहा कि अंतर यह है कि 'बीजेपी ने इसे खुले तौर पर खेला है, लेकिन सीपीएम और कांग्रेस ने इसे काफी हद तक खेला है'। तृणमूल के इस बयान का साफ़ मतलब है कि विपक्षी एकता की कोशिशों में लगे दूसरे दलों को इससे तगड़ा झटका लगने वाला है। सवाल है कि यदि तृणमूल कांग्रेस के बगैर विपक्षी एकता होती भी है तो वह कितनी मज़बूत होगी? और क्या विपक्ष साथ आ पाएगा भी या नहीं?