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ग़लत मैप से विवादों में शशि थरूर, जानिए क्या दी सफाई

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में बतौर उम्मीदवार खड़े शशि थरूर आज बड़े विवाद में तब फँस गए जब उन्होंने अपने चुनावी मेनिफेस्टो में ग़लत मैप जारी कर दिया। बीजेपी ने उस मैप की ग़लती को लेकर मुद्दा बना दिया। इसके बाद थरूर ने उस ग़लत मैप को वापस ले लिया और फिर से नया मैप जारी किया। उस ग़लती के लिए थरूर ने माफ़ी मांगी है।

थरूर ने सफ़ाई में क्या कहा है, यह जानने से पहले यह जान लें कि ये विवाद कैसे उपजा। दरअसल, शशि थरूर ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया। इस दौरान उन्होंने घोषणापत्र जारी किया। इसमें भारत का मानचित्र भी जारी किया गया, लेकिन उसमें एक गड़बड़ी थी। उसमें जम्मू और कश्मीर और लद्दाख सहित भारत के कुछ हिस्सों को नहीं दिखाया गया था।

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बीजेपी नेताओं और इसके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर मुद्दा बनाया। पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी इस मैप को लेकर सवाल उठाया। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया, 'कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर ने अपने घोषणापत्र में भारत का एक विकृत नक्शा रखा है। जहाँ राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर हैं, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष वो बनना चाहते हैं जो भारत को खंडित करने पर तुले हुए हैं। हो सकता है कि उन्हें लगे कि इससे गांधी परिवार का पक्ष लेने में मदद मिल सकती है...।'

हालाँकि, थरूर के कार्यालय ने उस मानचित्र पर भारी आलोचना के बाद घोषणापत्र में संशोधन किया।

अपने घोषणापत्र में भारत का सही नक्शा पेश किए जाने के तुरंत बाद उन्होंने ट्विटर का सहारा लिया और उस गलती को स्वीकार किया।

उन्होंने कहा, 'घोषणापत्र के नक्शे पर ट्रोल तूफान पर प्रतिक्रिया: कोई भी जानबूझकर ऐसी चीजें नहीं करता है। स्वयंसेवकों की एक छोटी टीम ने गलती की। हमने इसे तुरंत सुधारा और त्रुटि के लिए मैं बिना शर्त माफ़ी मांगता हूँ।'

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बीजेपी के दावों का खंडन करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी कहा, 'भाजपा अब स्पष्ट रूप से घबरा रही है कि भारत जोड़ो यात्रा कर्नाटक में प्रवेश कर चुकी है। भाजपा का आईटी सेल किसी भी तरह का बहाना ढूंढेगा जिससे भारत जोड़ो यात्रा और राहुल गांधी को निशाना बना सके। डॉ. थरूर और उनकी टीम ही इस गंभीर त्रुटि की व्याख्या कर सकती है।'

बता दें कि तीन साल में यह दूसरी बार है जब पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर मैप विवाद में फँसे। दिसंबर 2019 में उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ केरल कांग्रेस के विरोध के बारे में प्रचार सामग्री साझा की थी और उसमें भी इसी तरह की समस्या थी। 

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क़मर वहीद नक़वी
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