क्या शरद पवार उस कार्यक्रम से खुद को अलग कर सकते हैं जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को सम्मानित किया जाना है? एनसीपी सहित उनके सहयोगी दल तो कम से कम ऐसा ही चाहते हैं। इसके लिए वे दबाव भी खूब डाल रहे हैं। 1 अगस्त को पुणे में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकमान्य तिलक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इसी में शरद पवार को शरीक होना है। लेकिन उनके सहयोगी उनको कार्यक्रम से दूर रहने के लिए राजी करने में जुटे हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच साझा करने की खबर ने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की चिंता बढ़ा दी है।
कुछ रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि समारोह के दौरान पवार न केवल पीएम मोदी के साथ मंच साझा करेंगे, बल्कि उन्हें पुरस्कार भी प्रदान करेंगे। एनसीपी की सहयोगी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने कहा है कि पवार का फ़ैसला 'उचित नहीं लगता'।
कई विपक्षी दलों के नेताओं ने इस मुलाकात पर सवाल उठाए हैं। यह सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि इन दिनों एकजुट होकर विपक्ष पीएम मोदी पर हमलावर है और उनसे मणिपुर की घटना पर संसद में बोलने की मांग कर रहा है। सोमवार को लोकसभा और मंगलवार को राज्यसभा में दिल्ली पर केंद्र सरकार विधेयक ला सकती है जिसमें विपक्ष अपनी एकजुटता दिखाने की पूरी कोशिश करेगा। ऐसे में शरद पवार का इस समय पीएम मोदी के साथ मंच साझा करने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खुद उनके सहयोगी और उनकी पार्टी के लोग भी सवाल उठा रहे हैं।
शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, 'जब प्रधानमंत्री 'इंडिया' के घटकों को तरह-तरह के नाम दे रहे हैं और जब उन्होंने और उनकी पार्टी ने एनसीपी को बर्बाद कर दिया है, तो एनसीपी प्रमुख के लिए कार्यक्रम में शामिल होना और प्रधानमंत्री को सम्मान देना उचित नहीं लगता।' द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार राउत ने कहा, 'बीजेपी ने न सिर्फ एनसीपी को दो टुकड़ों में तोड़ दिया है बल्कि पीएम ने एनसीपी को भ्रष्ट पार्टी बताया है। अगर एनसीपी को इतना नुक़सान हुआ है तो उसके पार्टी प्रमुख प्रधानमंत्री का अभिनंदन कैसे कर सकते हैं? ऐसा करके पवार अपनी ही छवि और प्रतिष्ठा को नुक़सान पहुंचाएंगे। मुझे लगता है कि पवार को समारोह में शामिल होने से बचना चाहिए।'
कांग्रेस ने कहा है कि कार्यक्रम में शामिल होने या न होने का निर्णय एनसीपी प्रमुख पर निर्भर है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने पवार के फैसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह उनका निर्णय है और वह इस बारे में बोलने के लिए बेहतर व्यक्ति होंगे।
लोकमान्य तिलक पुरस्कार तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा प्रदान किया जाता है जिसके ट्रस्टी रोहित तिलक कांग्रेस नेता हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या पवार ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की है, तिलक ने कहा, 'हमें उनकी भागीदारी की पुष्टि मिल गई है। यह पुरस्कार प्रधानमंत्री को ट्रस्ट अध्यक्ष, जो मेरे पिता और मुख्य अतिथि हैं, द्वारा प्रदान किया जाएगा।'
बाल गंगाधर तिलक के प्रपौत्र तिलक ने यह भी कहा कि उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पवार के विरोध की जानकारी नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस ने उन्हें कार्यक्रम के आयोजन में सबसे आगे रहने पर आपत्ति जताई थी, तिलक ने कहा, 'कांग्रेस ने मुझे कुछ नहीं बताया है। वैसे भी यह एक गैर राजनीतिक मंच है। अतीत में हमने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी को सम्मानित किया है। हम विभिन्न क्षेत्रों और विभिन्न विचारधाराओं के लोगों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित करते हैं।'
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