उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों की सूची जारी हो रही है, भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेताओं में ग़ुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। भगदड़ और बग़ावत तेज़ हो गयी है। अब तक चार वर्तमान सांसदों ने पार्टी छोड़ी है तो आधा दर्जन नेताओं ने टिकट कटने से नाराज़ होकर बग़ावती तेवर अपना लिए हैं। न चाहते हुए मार्गदर्शक मंडल में जाने को मजबूर किए गए मुरली मनोहर जोशी हों या कैराना से अकारण दरकिनार कर दी गयीं मृगांका सिंह, सभी अपनी अपनी नाराज़गी खुल कर ज़ाहिर कर रहे हैं। बलिया में सांसद भरत सिंह केंद्रीय नेतृत्व से ख़ता पूंछ रहे हैं तो बाराबंकी से प्रियंका रावत ने कार्यकर्त्ताओं के सामने रोकर अपना दुखड़ा सुनाया है। केंद्रीय मंत्री रही शाहजहांपुर की सासंद कृष्णाराज कोप भवन में चली गयी हैं, वहीं आजमगढ़ से पिछला चुनाव मुलायम से 64,000 मतों से हारने वाले रमाकांत यादव ने इस बार जौनपुर से टिकट न मिलने पर नतीजे भुगतने की चेतावनी दे डाली है।