कांग्रेस ने बजट सत्र के लिए रवनीत सिंह बिट्टू को कांग्रेस संसदीय दल का नेता नियुक्त किया है। बिट्टू पंजाब के लुधियाना से सांसद हैं और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार बेअंत सिंह के पोते हैं। सरदार बेअंत सिंह की 1995 में एक आतंकवादी हमले में मौत हो गई थी। बेअंत सिंह के साथ 16 और लोगों को भी इस हमले में जान गंवानी पड़ी थी।
अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और आने वाले दो महीने तक वे चुनाव प्रचार में व्यस्त रहेंगे। इसलिए पार्टी आलाकमान ने बिट्टू को यह अहम जिम्मेदारी सौंपी है। लेकिन इससे पता चलता है कि बिट्टू पर आलाकमान का भरोसा है, वरना कई और अनुभवी सांसद हैं जिन्हें यह जिम्मेदारी दी जा सकती थी।
अधीर के अलावा लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के उपनेता गौरव गोगोई भी असम के विधानसभा चुनाव के प्रचार में व्यस्त रहेंगे। ऐसे में बिट्टू के सामने यह बड़ी जिम्मेदारी है।
45 साल के रवनीत सिंह बिट्टू कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बीते 95 दिनों से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं। उनके साथ पंजाब कांग्रेस के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी धरने पर बैठे हैं। बिट्ट कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ खासे मुखर रहे हैं।
बिट्टू जनवरी के महीने में जब सिंघु बॉर्डर पर गए थे तो उन पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया था। तब बिट्टू ने आरोप लगाया था कि यह हमला खालिस्तान की मानसिकता रखने वालों के इशारे पर पंजाब के कुछ लोगों ने किया था।
बिट्टू तीन बार लोकसभा के सांसद बन चुके हैं। 2009 में वह आनंदपुर साहिब से और उसके बाद दो बार लुधियाना से चुनाव जीत चुके हैं। बिट्टू को राहुल गांधी का क़रीबी माना जाता है। जब राहुल गांधी ने युवक कांग्रेस में चुनाव प्रक्रिया शुरू की थी तो बिट्टू पहले निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष बने थे।
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