कोरोना की दूसरी लहर से पस्त हो चुके हिंदुस्तान के लोगों से मोदी सरकार कह रही है कि वे पॉजिटिव रहें यानी सकारात्मक बातें सोचें। इसमें कुछ ग़लत भी नहीं है लेकिन जिनके परिजनों ने ऑक्सीजन, दवाइयों, बेड्स की कमी के कारण अस्पतालों में तड़प-तड़प कर दम तोड़ा है और फिर श्मशान घाटों में नरक जैसे हालात देखे हैं, उनसे आप पॉजिटिव रहने की उम्मीद करेंगे?
मोदी सरकार के ‘पॉजिटिविटी’ राग को राहुल, पीके ने बताया प्रोपेगेंडा
- राजनीति
- |
- 12 May, 2021
कोरोना की दूसरी लहर से पस्त हो चुके हिंदुस्तान के लोगों से मोदी सरकार कह रही है कि वे पॉजिटिव रहें यानी सकारात्मक बातें सोचें।

मोदी सरकार ने वैज्ञानिकों, विपक्षी नेताओं के लाख चेताने के बाद भी कोरोना की दूसरी लहर के लिए तैयारी क्यों नहीं की, इसलिए क्योंकि उसका पूरा ध्यान पश्चिम बंगाल का चुनाव जीतने पर था। जब हज़ारों लोग मर गए तब जाकर ऑक्सीजन प्लांट लगाने की याद आई। इतने अनर्थ कर चुकी सरकार लोगों को पॉजिटिव रहने का भाषण कैसे दे सकती है।