राहुल गांधी को अब एक और मानहानि के मुक़दमे में समन भेजा गया है। समन राहुल के साथ ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को भी भेजा गया है। मामले की सुनवाई 27 जुलाई को होगी। इससे पहले मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी संसद से अयोग्य घोषित किए जा चुके हैं।
राहुल गांधी को मोदी उपनाम पर टिप्पणी के लिए पूर्णेश मोदी द्वारा दायर याचिका पर इस साल मार्च महीने में दो साल की सजा सुनाई गई थी। राहुल गांधी ने वह टिप्पणी 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में की थी। उसमें उन्होंने मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी और इसी को लेकर मानहानि का मुक़दमा दायर किया गया था। अब मानहानि का जो ताज़ा मामला है वह भी कर्नाटक से ही जुड़ा हुआ है।
राज्य भाजपा के सचिव केशवप्रसाद द्वारा 9 मई को दायर की गई शिकायत में '40 प्रतिशत भ्रष्टाचार' के आरोपों को केंद्र में रखा गया है। शिकायत में कहा गया है कि 5 मई, 2023 को समाचार पत्रों में छपे कांग्रेस के एक विज्ञापन में दावा किया गया था कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने 40 प्रतिशत भ्रष्टाचार किया था और पिछले चार वर्षों में 1.5 लाख करोड़ रुपये लूटे थे।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार आरोपों को आधारहीन और अपमानजनक करार देते हुए भाजपा ने आरोप लगाया है कि इस तरह के अभियानों के कारण वह पिछले महीने कर्नाटक में राज्य का चुनाव हार गई।
मानहानि के मामले में राहुल गांधी को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद राहुल की पार्टी को पहली बार किसी राज्य में इतनी बड़ी सफलता मिली। बता दें कि 'मोदी सरनेम' वाली टिप्पणी पर मानहानि के मामले में गुजरात की एक अदालत ने उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। राहुल ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कह दिया था, 'क्यों सभी चोरों का समान सरनेम मोदी ही होता है? चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो या नरेंद्र मोदी? सारे चोरों के नाम में मोदी क्यों जुड़ा हुआ है।'
सूरत कोर्ट में वह मामला राहुल के ख़िलाफ़ भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर मानहानि का था। उन्होंने दावा किया था कि मोदी सरनेम वाली टिप्पणी ने पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया है।
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