क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में भारतीय टीम की हार के बाद सोशल मीडिया पर जो 'पनौती' ट्रेंड कर रहा था वह आज चुनावी रैली में भी 'ट्रेंड' करने लगा। राहुल गांधी राजस्थान में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। तभी भीड़ से लोगों ने कुछ कहा और इस पर राहुल ने कहा, 'क्या... पनौती... पनौती... अच्छा भला हमारे लड़के वहाँ पर जीत जाते, वहाँ पर पनौती हरवा दिया। टीवी वाले ये नहीं कहेंगे, मगर जनता जानती है....।'
पनौती 😉 pic.twitter.com/kVTgt0ZCTs
— Congress (@INCIndia) November 21, 2023
हालाँकि राहुल गांधी ने 'पनौती' वाले बयान को लेकर किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन माना जाता है कि वह प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साध रहे थे। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए फाइनल मुक़ाबले को प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह स्टेडियम में देखते हुए टीवी पर दिखे थे। उस मैच में भारतीय टीम हार गई। इसके बाद से पीएम मोदी निशाने पर हैं।
सोशल मीडिया पर कुछ लोग पीएम मोदी का नाम लेकर हमला कर रहे हैं तो कुछ बिना नाम लिए ही। हालाँकि, बीजेपी नेताओं ने भी प्रियंका गांधी के एक बयान को लेकर इंदिरा गांधी को पनौती बताने की कोशिश की, लेकिन सोशल मीडिया पर पीएम मोदी को लेकर ही ज़्यादा निशाना साधा जा रहा है। ट्विटर पर तो यह पिछले दो दिनों से ट्रेंड भी कर रहा है।
यदि आप 'पनौती' का मतलब नहीं जानते हों तो बता दें कि इसका सीधा मतलब 'अपशकुन' होता है। पनौती आंचलिक शब्द है। अपशगुन को एक तरह से अंधविश्वास भी कह सकते हैं। इसका सीधा सा तर्क यह है कि कोई मैच देख ले या नहीं देखे तो इससे कोई टीम मैच कैसे हार सकती है? वैसे, पनौती शब्द का इस्तेमाल लोगों को चिढ़ाने के लिए भी किया जाता है।
अब राजस्थान के जालोर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने किस रूप में इसका इस्तेमाल किया है, इसका अंदाज़ा तो आप उनके भाषण को सुनकर ही लगा सकते हैं। वैसे, सोशल मीडिया पर लोग एक तर्क यह भी दे रहे हैं कि बीजेपी ने इस वर्ल्ड कप को राजनैतिक रूप दे दिया। जिस तरह से अहमदाबाद के स्टेडियम का चुनाव फाइनल मैच के लिए किया गया उसकी राजनीतिक फ़ैसला कहकर ही आलोचना की जा रही है। पिच को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने तो यह भी तर्क दिया है कि क्रिकेट के मैच को जिस तरह से इवेंट बनाने की कोशिश की गई उसका खिलाड़ियों पर अनावश्यक दबाव पड़ा।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहे 'पनौती' शब्द के बीच ही राहुल गांधी ने चुनावी रैली में यह तंज कसा है।
राहुल गांधी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस नेता के शब्दों का चयन गलत था। उन्होंने पूछा, 'राहुल गांधी ने गलत शब्द चुने। उन्हें क्या हो गया?' उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राहुल की टिप्पणी की निंदा करती है और उनसे जल्द से जल्द माफी मांगने की मांग करती है।
कांग्रेस सांसद राहुल ने ओबीसी का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने और बाद में उनके विकास के लिए कुछ नहीं करने के लिए भी पीएम मोदी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ओबीसी संख्या में अधिक हैं लेकिन केंद्र को उनके विकास की कोई चिंता नहीं है।
कांग्रेस ने 25 नवंबर को होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को अपना घोषणापत्र - 'जनघोषणा पत्र' जारी किया। कांग्रेस ने राजस्थान में भी जाति सर्वेक्षण का दावा किया है। इसके साथ ही इसने गैस सिलेंडर 400 रुपये में देने की गारंटी की बात कही है। चुनाव से पहले जारी किए जाने वाले घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कहा है कि वह राज्य में 4 लाख सरकारी नौकरियों की गारंटी देती है।
चुनावी घोषणा पत्र को गारंटी नाम देने वाली कांग्रेस ने इसमें कहा है कि महिलाओं और वंचित वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसको जारी करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि 'हम राजस्थान की जनता से किए अपने सारे वादे निभाएंगे, क्योंकि हम जो कहते हैं-वो कर दिखाते हैं'।
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