कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि उसने कोरोना काल में जानकारियों को छुपाने की कोशिश की और इससे कोरोना महामारी का संकट बढ़ा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान विपक्ष के किसी भी नेता से इसे लेकर बात तक नहीं की।
राहुल ने शुक्रवार को पत्रकारों के साथ वर्चुअल मोड में बातचीत के दौरान कहा, “भारत सरकार और प्रधानमंत्री अब तक कोरोना महामारी को नहीं समझ पाए हैं। यह कोई सामान्य बीमारी नहीं है, यह वायरस लगातार बदल रहा है। आप इसे जितना वक़्त देंगे, यह उतना ही ख़तरनाक होता जाएगा।”
केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने कहा कि हमारे यहां मौतों का जो सरकारी आंकड़ा है, वह झूठा है और सरकार इस झूठ को फैला रही है। उन्होंने कहा कि यह झूठ फैलाने का समय नहीं है। यह हिंदुस्तान के भविष्य का मामला है और हमें लोगों की जान बचानी है।
राहुल ने कहा कि सरकार के काम करने के तरीक़े से लाखों लोग मारे गए हैं और सरकार समझे कि विपक्ष उसका दुश्मन नहीं है। विपक्ष उन्हें संकेत दे रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अगर फ़रवरी में उनकी बात सुन ली होती तो लाखों लोगों की मौत नहीं होती।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि कोरोना की तीसरी, चौथी और पांचवी लहर और घातक हो सकती है और हमें कोरोना को जगह नहीं बनाने देनी है। राहुल ने कहा, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि हम ज़्यादा से ज़्यादा टीकाकरण करें।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि अगर हम 60-70 फ़ीसदी टीकाकरण कर लेंगे तो फिर कोरोना की तीसरी-चौथी लहर का ख़तरा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इवेंट मैनेजर हैं और अभी हमें इवेंट की ज़रूरत नहीं है।
राहुल ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा है कि वे कोरोना से जुड़े मामलों में हक़ीक़त को जनता के सामने रखें और कुछ भी न छुपाएं। उन्होंने कहा कि सभी को मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की ज़रूरत है।
कांग्रेस की ओर से भी शुक्रवार को ट्वीट करके कहा गया है कि सरकार को इस महामारी को लेकर एक साल पहले ही चेता दिया गया था लेकिन उसने चीज़ों को हवा में उड़ा दिया और अपनी जीत का एलान कर दिया। कांग्रेस ने पूछा है कि लाखों भारतीयों की जान गई है और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने उठाए थे सवाल
अमेरिका के प्रतिष्ठित अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स की ओर से हाल ही में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में कोरोना से होने वाली मौतों का असली आंकड़ा सरकारी आंकड़े से कहीं ज़्यादा है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने कई सर्वे और संक्रमण के आंकड़ों के आधार पर कहा था कि भारत में मौतों का आंकड़ा 6 लाख से लेकर 42 लाख के बीच होगा, जबकि भारत सरकार के मुताबिक़ न्यूयॉर्क टाइम्स की यह रिपोर्ट छपने तक भारत में 3 लाख से कुछ ज़्यादा मौतें हुई थीं।
लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर पलटवार किया है और कहा है कि न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में किसी तरह के सबूत नहीं हैं और यह सिर्फ़ बेसिर-पैर के अनुमानों पर आधारित है।
‘पॉजिटिविटी’ राग पर घेरा था
यह कहा गया था कि कोरोना की दूसरी लहर से निपटने में बुरी तरह फेल हो चुकी मोदी सरकार के बचाव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, बीजेपी और दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े लोगों ने ‘पॉजिटिविटी’ राग छेड़ दिया है।
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