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आदिवासी देश के मूल मालिक, आपका जंगल, जमीन पर अधिकार: राहुल 

राहुल गांधी ने आदिवासी भाई-बहनों को देश का 'असली मालिक' बताया है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों को जमीन और जंगल पर अधिकार दिया जाना चाहिए। बीजेपी द्वारा आदिवासियों की जगह 'वनवासी' शब्द इस्तेमाल किए जाने की भी राहुल ने आलोचना की और कहा कि इसमें विकृत तर्क है। कांग्रेस नेता रविवार को वायनाड में भाषण दे रहे थे। वह वहाँ दो दिवसीय दौरे पर हैं। इससे पहले शनिवार को कलपेट्टा में एक रैली के दौरान उन्होंने कहा था कि वायनाड मेरे परिवार जैसा है। उन्होंने कहा था, 'वे यह नहीं समझते कि जितना वे मुझे आपसे अलग करने की कोशिश करेंगे, रिश्ता उतना ही मजबूत होगा। अयोग्यता ने वायनाड के साथ मेरे रिश्ते को और मजबूत बना दिया है।'

राहुल ने मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी भी हमला किया। उन्होंने कहा, 'वे भारत के विचार को विभाजित करना चाहते हैं। मणिपुर में, उन्होंने परिवारों को नष्ट कर दिया... लेकिन हम मणिपुर में प्यार वापस लाएंगे। आपको मणिपुर को नष्ट करने में दो महीने लग गए, लेकिन मणिपुर में प्यार वापस लाने में पांच साल लग सकते हैं। हम ये करेंगे। यह कांग्रेस और भाजपा के बीच की लड़ाई है।'

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सांसद के रूप में बहाल होने के बाद राहुल पहली बार अपने लोकसभा क्षेत्र वायनाड पहुँचे। उन्होंने रविवार को एक कैंसर सेंटर में बिजली सुविधा का शुभारंभ किया। लॉन्च के मौक़े पर राहुल ने कहा, "आदिवासी शब्द का मतलब है जमीन के मूल मालिक। आदिवासी का अर्थ है एक विशेष ज्ञान, जिस धरती पर हम रहते हैं उसकी एक विशेष समझ, जिस ग्रह पर हम रहते हैं उसके साथ एक विशेष संबंध। आदिवासी शब्द इस तथ्य का भी सम्मान करता है और स्वीकार करता है कि हमारे आदिवासी भाई-बहन इस देश के मूल मालिक हैं। और इसका तात्पर्य यह भी है कि इस देश के मूल मालिकों को भूमि और जंगलों पर अधिकार दिया जाना चाहिए, और वे जो चाहें उन्हें करने की अनुमति दी जानी चाहिए।"

उन्होंने यह भी कहा, 'जमीन के मूल मालिकों के रूप में, आपको अपने बच्चों को इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराने, डॉक्टर बनाने, वकील बनाने, व्यवसाय शुरू कराने, कंप्यूटर जानने में सक्षम होना चाहिए। लेकिन आपको जंगल का अधिकार भी मिलना चाहिए, आपको ज़मीन का अधिकार भी मिलना चाहिए, आपको वन उपज का अधिकार भी मिलना चाहिए।'

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार राहुल ने कहा कि 'वनवासी' शब्द इस बात से इनकार करता है कि आप भारत के मूल मालिक हैं। उन्होंने कहा, 'यह आपको जंगल तक भी सीमित रखता है। वनवासी शब्द के पीछे विचार यह है कि आप जंगल में हैं और आपको कभी भी जंगल नहीं छोड़ना चाहिए। और यह हमें क़तई स्वीकार्य नहीं है। यह शब्द आपके इतिहास, आपकी परंपरा का विरूपण है और इस देश के साथ आपके संबंधों पर हमला है। हमारे लिए आप आदिवासी हैं और हम आपसे सीख सकते हैं।'

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उन्होंने कहा, 'आजकल पर्यावरण शब्द फैशन बन गया है। कुछ सौ वर्षों से आधुनिक समाज पर्यावरण को नष्ट कर रहा है, जंगलों को जला रहा है और प्रदूषण पैदा कर रहा है। अब अचानक पर्यावरण संरक्षण शब्द आ गया है। लेकिन आदिवासियों की बुद्धिमत्ता देखिए, वे 3,000-5,000 वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के बारे में बात कर रहे हैं।'

उन्होंने कहा, 'हम आपके इतिहास से, आपकी परंपरा से, आपके जीवन के तरीक़े से सीख सकते हैं। सिर्फ पर्यावरण के बारे में नहीं, बल्कि एक-दूसरे के साथ कैसे व्यवहार करें, एक-दूसरे का सम्मान कैसे करें। और निश्चित रूप से, आपके बच्चों को सर्वोत्तम शिक्षा, सर्वोत्तम अस्पताल, सर्वोत्तम नौकरियां मिलनी चाहिए, हम हमेशा आपकी मदद करने, आपके साथ काम करने के लिए यहाँ हैं।'

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क़मर वहीद नक़वी
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