खबर है कांग्रेस नेता राहुल गांधी 11 अप्रैल को वायनाड (केरल) का दौरा करेंगे। राहुल 2019 में वायनाड लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। सूरत की कोर्ट से 23 मार्च को मानहानि के मामले में सजा सुनाए जाने के बाद राहुल को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया।
राहुल का वायनाड दौरा रणनीतिक है। जब से वो यहां से पूर्व सांसद हो गए हैं, वायनाड के लोग उनके समर्थन में मशाल जुलूस और प्रदर्शन निकाल रहे हैं। यह घटनाक्रम 24 मार्च से ही चल रहा है। राहुल गांधी वायनाड के लोगों को शुक्रिया अदा करने आ रहे हैं। 11 अप्रैल को वो वहां रैली को संबोधित कर सकते हैं। देर-सवेर राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होती है तो वो पहली प्राथमिकता वायनाड को ही देंगे। हालांकि तब तक वायनाड सीट खाली रही, तभी यह मुमकिन है।
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राहुल गांधी ने आखिरी बार इसी साल फरवरी में वायनाड लोकसबा क्षेत्र का दौरा किया था। पार्टी के एक पदाधिकारी ने कांग्रेस की जिला इकाई या जिला कांग्रेस कमेटी के एक दस्तावेज का हवाला देते हुए इंडिया टुडे को बताया कि "राहुल गांधी के 11 अप्रैल को वायनाड आने की संभावना है।" सूत्र ने कहा कि राहुल गांधी के ठहरने का ब्योरा केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक में तय किया जाएगा।
सूरत की अदालत के 23 मार्च के फैसले के एक दिन बाद, राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए और उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। 24 मार्च को राहुल अयोग्य घोषित कर दिए गए। चुनाव आयोग ने भी फौरन वायनाड लोकसभा क्षेत्र को खाली घोषित कर दिया गया। ये सारी कार्रवाई आनन-फानन में की गई। गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर एक मामले में उनकी "मोदी उपनाम" टिप्पणी पर सूरत की एक निचली अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था।
29 मार्च को कर्नाटक चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए, चुनाव आयोग ने कहा कि उसे वायनाड लोकसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव कराने की कोई जल्दी नहीं है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया था कि अदालत ने राहुल गांधी को कानूनी उपाय खोजने के लिए 30 दिन का समय दिया है और तब तक आयोग इंतजार करेगा।
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राहुल गांधी को 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में गुजरात की एक सत्र अदालत ने सोमवार को जमानत दे दी। अदालत ने मामले में सजा के खिलाफ उसकी अपील स्वीकार कर ली।
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