राहुल गांधी औऱ प्रियंका गांधी यूपी में अमेठी और रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इसकी सबसे ज्यादा चर्चा और चिन्ता भाजपा में है। अमेठी से भाजपा स्मृति ईरानी की शनिवार को अमेठी के गांव में रैली थी। वहां उनका पूरा भाषण राहुल गांधी पर केंद्रित था। जब से राहुल की चर्चा शुरू हुई है, भाजपा की स्टार प्रचारक स्मृति ने बाकी जगह प्रचार के लिए जाना बंद कर दिया है और वो पिछले पांच दिनों से अमेठी में ही जमी हुई हैं। इन्हीं चर्चाओं के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने संकेत दे दिया है कि राहुल यूपी से आ रहे हैं। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का शनिवार 27 अप्रैल का बयान महत्वपूर्ण है।
खड़गे ने 27 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण अमेठी और रायबरेली सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों को लेकर सस्पेंस बरकरार रखा।
असम के गुवाहाटी में शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "आपको कुछ और दिनों तक इंतजार करना होगा... जब लोगों की ओर से उम्मीदवारों के नाम मेरे पास आएंगे और मैं अधिसूचना पर हस्ताक्षर करूंगा, तो इसकी घोषणा की जाएगी।"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने की संभावना है, यह सीट वह 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा नेता स्मृति ईरानी से हार गए थे। वायनाड सांसद ने 2004 में अमेठी में परिवार के राजनीतिक गढ़ पर कब्ज़ा कर लिया और 2009 और 2014 में फिर से चुने गए। हालांकि, पिछले चुनाव में ईरानी ने उन्हें 55,000 से अधिक वोटों के अंतर से हरा दिया था।
अमेठी और रायबरेली दोनों लोकसभा क्षेत्रों में 20 मई को लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में मतदान होगा। उत्तर प्रदेश में सभी सात चरणों में मतदान हो रहा है। अब तक दो चरणों का मतदान हो चुका है। कांग्रेस ने अब तक 317 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है, लेकिन अमेठी और रायबरेली के लिए उसकी पसंद पर भाजपा और पत्रकारों की गहरी नजर है, क्योंकि ये दोनों सीटें दशकों से पार्टी का गढ़ रही हैं।
कहा जा रहा है कि राहुल 1 या 3 मई को अमेठी से पर्चा भरेंगे। उनका जो चुनाव कार्यक्रम शनिवार को घोषित किया गया है, उसमें 28, 29, 30 अप्रैल, 2 मई को उनके दौरे का कार्यक्रम गुजरात, कर्नाटक आदि में रखा गया है। इसमें 1 मई और 3 मई का जिक्र नहीं है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि वो 1 मई या 3 मई को अमेठी से नामांकन दाखिल कर सकते हैं।
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