loader

तावड़े केस: राहुल का मोदी पर हमला- 5 करोड़ किसके SAFE से निकला है?

विनोद तावड़े पर लगे 'वोट के लिए पैसे बाँटने' के आरोपों को लेकर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला किया है। राहुल ने पीएम मोदी के 'एक हैं तो सेफ़ हैं' वाले नारे और 'कैश से भरे टेंपो' वाले बयान से जोड़ते हुए पीएम मोदी पर बड़ा आरोप लगाया है। 

राहुल ने कांग्रेस द्वारा पोस्ट की गई विनोद तावड़े की एक विवादित वीडियो क्लिप को साझा करते हुए लिखा है, 'मोदी जी, यह 5 करोड़ किसके SAFE से निकला है? जनता का पैसा लूटकर आपको किसने टेंपो में भेजा?'

राहुल के इस हमले से पीएम मोदी के 'एक हैं तो सेफ़ हैं' नारे पर निशाना साधा गया है। राहुल गांधी इस नारे को गौतम अडानी से जोड़कर हमला करते रहे हैं और आरोप लगाते रहे हैं कि अडानी के सेफ़ यानी तिजोरी के लिए यह सब किया जा रहा है। राहुल ने सोमवार को ही धारावी में पत्रकारों के बीच एक तिजोरी लाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक हैं तो सेफ हैं' नारे पर तंज कसा। उन्होंने कहा, 'यह चुनाव 1-2 अरबपतियों और गरीबों के बीच मुकाबला है। अरबपति चाहते हैं कि मुंबई की ज़मीन उनके हाथ में चली जाए। एक अरबपति को अनुमानित 1 लाख करोड़ रुपये दिए जा सकते हैं।'

राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में जिस टेंपो का ज़िक्र किया है वह दरअसल, इसी साल मई में पिछले चुनाव में चर्चा में रहा था। प्रधानमंत्री ने तब कहा था कि राहुल गांधी ने 'इस चुनाव में अचानक अंबानी और अडानी की बात करना बंद क्यों कर दिया? क्या कैश से भरे टेंपो कांग्रेस तक पहुंच गए हैं?' 

ताज़ा ख़बरें

प्रधानमंत्री ने 8 मई को एक चुनावी सभा में कहा था, 'आपने देखा होगा कि कांग्रेस के शहजादा पिछले पांच साल से यही बात दोहरा रहे हैं। जब से उनका राफेल विवाद शांत हुआ, उन्होंने इसे दोहराना शुरू कर दिया। पहले उन्होंने पांच उद्योगपतियों का नाम लिया और फिर अंबानी-अडानी, अंबानी-अडानी, अंबानी-अडानी पर आ गए। लेकिन चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही उन्होंने दोनों को गाली देना बंद कर दिया है। मैं तेलंगाना की जनता से पूछना चाहता हूं, शहजादा बताएं- अंबानी-अडानी से कितना लिया? कितना काला धन ले जाया गया? क्या कैश से भरे टेंपो कांग्रेस तक पहुंच गए हैं? वह कौन सा सौदा हुआ है? आपने रातों-रात अंबानी-अडानी को गाली देना क्यों बंद कर दिया? निश्चित रूप से कुछ गड़बड़ है।'

वैसे प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल पर अडानी-अंबानी का नाम नहीं लेने का आरोप तब लगाया था जब वह लगातार दोनों उद्योगपतियों पर हमला करते रहे हैं और उससे एक दिन पहले 7 अगस्त को राहुल ने उनपर नाम लेकर हमला किया था। तब झारखंड में एक चुनावी रैली में राहुल ने आदिवासियों के लिए अधिक प्रतिनिधित्व की ज़रूरत बताई और कहा था, 'भाजपा कहती है कि आप वनवासी हैं और वे सारी वन भूमि अडानी को दे देते हैं।'

बहरहाल, ताज़ा मामला अब बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े पर 'वोट के लिए पैसे बाँटने' के आरोप लगने का है। बहुजन विकास अघाड़ी यानी बीवीए पार्टी के समर्थकों ने होटल में धावा बोल दिया और तावड़े को मुंबई के एक होटल में घेर लिया।

उनका आरोप है कि तावड़े 5 करोड़ रुपए लेकर यहाँ बांटने के लिए आए थे। हालाँकि, तावड़े ने इन आरोपों को झूठा बताया है। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में तावड़े को घेरे बीवीए समर्थकों ने तरह-तरह के आरोप लगाए, नोट लहराए और जबर्दस्त हंगामा किया।

कांग्रेस ने कहा है, 'बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े महाराष्ट्र के एक होटल में पैसे बांटते हुए पकड़े गए हैं। विनोद तावड़े बैग में भरकर पैसे लेकर गए थे और वहां पर लोगों को बुला-बुलाकर पैसे बांट रहे थे। ये खबर जब जनता को पता चली तो भारी हंगामा हो गया। पैसों के साथ विनोद तावड़े के कई वीडियो सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र में वोटिंग होने वाली है, उससे ठीक पहले बीजेपी के नेता पैसों के दम पर चुनाव को प्रभावित करने में लगे हैं। इसमें कार्यकर्ताओं से लेकर बड़े-बड़े नेता तक शामिल हैं। चुनाव आयोग को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।'

राजनीति से और ख़बरें

शिवसेना यूबीटी नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, 'शिवसेना यूबीटी प्रमुख श्री उद्धवजी के बैग की चेकिंग ईसी की तरफ़ से बार बार की गई पर, भाजपा के सचिव विनोद तावड़े जी के बैग जो विरार होटल में पैसों के साथ पाया गया और भाजपा पर इलेक्शन कमीशन क्या कार्यवाही करेगा?'

उद्धव ठाकरे ने कहा, 'मैं जब मां तुलजाभवानी के दर्शन के लिए आ रहा था, तब मेरा बैग चुनाव आयोग के अधिकारियों ने चेक किया। हालांकि, उन्हें कुछ नहीं मिला। अब पता चला है कि विनोद तावड़े के बैग से पैसे मिले हैं। कल भी अनिल देशमुख के उपर जो हमला हुआ, तो पत्थर कहां से आए इसकी जांच किसे करनी चाहिए थी? मैं मां तुलजाभवानी से प्रार्थना करता हूं कि इस भ्रष्ट और दहशत फैलाने वाली सरकार को राज्य से खत्म किया जाए।'

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें