महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि आम सहमति से अगर कांग्रेस का अध्यक्ष चुना जाता है तो यह पार्टी में असंतुष्ट नेताओं के गुट G-23 को स्वीकार होगा। उन्होंने न्यूज़ 18 के साथ बातचीत में कहा कि आम सहमति बनने की सूरत में अध्यक्ष पद पर चुनाव के लिए मतदान कराने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन की तारीख नजदीक आने के बीच इस बात की चर्चा भी जोरों पर है कि G-23 गुट चुनाव में अपना उम्मीदवार उतार सकता है। पृथ्वीराज चव्हाण भी इसी गुट के नेता हैं। इस गुट के बड़े नेता गुलाम नबी आजाद कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं और जम्मू-कश्मीर में अपनी नई पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन 24 से 30 सितंबर तक भरे जा सकेंगे। एक से ज्यादा उम्मीदवार होने की स्थिति में 17 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 19 अक्टूबर को मतों की गिनती के साथ ही नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। पार्टी का कोई भी नेता अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकता है।
शशि थरूर लड़ेंगे चुनाव?
न्यूज़ 18 की ओर से पृथ्वीराज चव्हाण से यह पूछे जाने पर कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम भी कांग्रेस अध्यक्ष के संभावित उम्मीदवारों में है, चव्हाण ने कहा कि चाहे अशोक गहलोत हों या फिर कोई और, अगर आम सहमति से पार्टी अध्यक्ष बनाया जाएगा तो इस पर G-23 गुट को कोई आपत्ति नहीं होगी। इस बात की चर्चा है कि केरल से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकते हैं। निश्चित रूप से एक से ज्यादा उम्मीदवार होने की स्थिति में मतदान होगा। इससे पहले साल 1997 और साल 2001 में कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के दौरान कई उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे।
हालांकि शशि थरूर ने इस बात को साफ नहीं किया है कि वह चुनाव लड़ेंगे या नहीं लेकिन कुछ दिन पहले उन्होंने एक मलयालम पत्रिका में लेख लिखकर कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव स्वतंत्र व निष्पक्ष होना चाहिए।
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मतदाता सूची सार्वजनिक हो
चव्हाण ने बातचीत के दौरान अध्यक्ष के चुनाव में मतदाता सूची को सार्वजनिक करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि हर चुनाव में मतदाता सूची सार्वजनिक की जाती है, इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में मतदान करने वाले सभी सदस्यों को ईमेल के जरिए मतदाता सूची जरूर भेजी जानी चाहिए और ऐसा करने में अगर कोई परेशानी है तो इसे पार्टी की वेबसाइट पर डाल दिया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में पारदर्शिता बनी रहनी चाहिए। इससे पहले कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी, कार्ति चिदंबरम, प्रद्युत बोरदोलोई भी मतदाता सूची को सार्वजनिक किए जाने की मांग को जोर-शोर से उठा चुके हैं।
मनीष तिवारी ने कांग्रेस के चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री से पूछा था कि जब मतदाता सूची सार्वजनिक नहीं की गई है तो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कैसे हो सकते हैं।
सीडब्ल्यूसी में भी हों चुनाव
इसके अलावा G-23 गुट के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा और पृथ्वीराज चव्हाण चाहते हैं कि कांग्रेस वर्किंग कमिटी यानी सीडब्ल्यूसी में भी सदस्यों का चुनाव निर्वाचन के जरिए होना चाहिए। शशि थरूर ने भी सीडब्ल्यूसी के एक दर्जन पदों के लिए चुनाव कराने की मांग की है।
टक्कर दे पाएगा G-23 गुट?
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी के कुल 9,100 मतदाता मतदान करेंगे। सवाल यह है कि अगर G-23 गुट ने अपने किसी नेता को चुनाव मैदान में उतार दिया तो क्या वह गांधी परिवार के द्वारा उतारे गए उम्मीदवार को टक्कर दे पाएगा। क्योंकि यहां याद दिलाना होगा कि शरद पवार और राजेश पायलट जैसे बड़े नेता भी 1997 में कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार सीताराम केसरी से बुरी तरह पराजित हुए थे। देखना होगा कि G-23 गुट क्या करता है।
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