चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बुधवार को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दिल्ली स्थित आवास पर पहुँचे। यह हाल के दिनों में कांग्रेस आलाकमान के साथ चौथी ऐसी मुलाक़ात है। पिछले एक हफ़्ते में इन घटनाक्रमों से माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर की कांग्रेस में 'नौकरी' तय है। लेकिन इस पर आख़िरी फ़ैसला अभी होना बाक़ी है। रिपोर्टें हैं कि बुधवार की बैठक में प्रशांत किशोर के प्रस्ताव पर चर्चा हुई है और 72 घंटे में कांग्रेस की कमेटी में शामिल नेता इस पर अपनी राय देंगे। और फिर आख़िरी फ़ैसला सोनिया गांधी लेंगी।
रिपोर्ट है कि बुधवार को प्रशांत किशोर के साथ बैठक करने वालों में उनके प्रस्ताव का मूल्यांकन करने वाली टीम के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी थे। बैठक में वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल और सोनिया गांधी ने भी भाग लिया।
प्रशांत किशोर और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की यह बैठक आगामी 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले किशोर के पार्टी में शामिल होने के कयासों के बीच हुई है। प्रशांत किशोर द्वारा शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक के दौरान लोकसभा चुनाव पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया गया था।
बहरहाल, ताज़ा बैठक के बाद कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि पार्टी प्रशांत किशोर के प्रस्तावों का 'मूल्यांकन' कर रही है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'कई अन्य लोगों के इनपुट पर भी विचार किया जा रहा है और अगले 72 घंटों के भीतर कांग्रेस अध्यक्ष को अंतिम रिपोर्ट सौंपी जाएगी।'
सूत्रों के अनुसार किशोर ने कहा है कि रणनीति के तहत कांग्रेस को लोकसभा की 370 सीटों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और बाक़ी सीटों पर गठबंधन करना चाहिए। प्रशांत किशोर ने अपनी विस्तृत प्रजेंटेशन में कथित तौर पर कहा था कि कांग्रेस को बिहार, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में अकेले लड़ना चाहिए, लेकिन तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड और यहाँ तक कि बंगाल में गठबंधन करना चाहिए।
माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर को कांग्रेस का कायाकल्प करने के लिए लाया जा रहा है। हालाँकि शुरुआत में अधिकांश कांग्रेस नेताओं ने प्रशांत किशोर के प्रस्तावों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह गुजरात के लिए केवल एक बार का प्रस्ताव था। बाद में प्रशांत किशोर के संगठन IPAC ने कहा कि इसमें कांग्रेस का कायाकल्प और 2024 के आम चुनावों की रणनीति भी शामिल है।
अभी यह साफ़ नहीं है कि प्रशांत किशोर बाक़ायदा कांग्रेस में शामिल होकर पार्टी पदाधिकारी के रूप में कोई बड़ी ज़िम्मेदारी निभाएंगे या सिर्फ़ चुनावी रणनीतिकार के रूप में कांग्रेस के साथ काम करेंगे। इस पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पार्टी में ज्यादातर नेता प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल करने के बजाय बाहर से ही उसकी सेवा लेने के हक़ में हैं। हालाँकि उनके पार्टी में शामिल किए जाने के कयास भी लगाए गए हैं।
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि प्रशांत किशोर देश के अंदर ब्रांड बन चुके हैं। गहलोत ने कहा कि प्रशांत किशोर का अनुभव विपक्ष को एकजुट करने में काम आ सकता है।
वैसे, काफी कुछ कांग्रेस के चिंतन शिविर पर भी निर्भर करेगा। कांग्रेस का चिन्तन शिविर अगले महीने राजस्थान में होगा। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उससे पहले एक 8 सदस्यीय कमेटी गठित की है, जो उन बिन्दुओं पर एक्शन लेगी या उन पर विचार करेगी, जिन्हें प्रशांत किशोर ने सुझाया है। इस 8 सदस्यीय कमेटी में पी चिदंबरम, अंबिका सोनी, प्रियंका गांधी वाड्रा, दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश, मुकुल वासनिक, केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला हैं।
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