झारखंड में दो जिलों से भोजपुरी और मगही को क्षेत्रीय भाषाओं से वापस लेने और उर्दू को वापस लेने पर झारखंड ही नहीं, बिहार में भी राजनीति शुरू हो गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर तमाम नेताओं ने इस पर बयान देकर मुद्दा बना दिया है। झारखंड सरकार ने बोकारो और धनबाद जिलों से भोजपुरी और मगही को क्षेत्रीय भाषाओं के रूप में वापस लेने की नई अधिसूचना जारी कर दी है।



महत्वपूर्ण यह है कि इसमें उर्दू को भी जगह मिली है। बीजेपी और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों को भोजपुरी और मगही को मात्र दो जिलों से हटाने पर उतना ऐतराज नहीं है, जितना उन्हें उर्दू को शामिल करने पर आपत्ति है।