भारत की सियासत में अच्छी-खासी उथल-पुथल मचा चुके राफ़ेल लड़ाकू विमान की ख़रीद के सौदे का मामला एक बार फिर जिंदा हो गया है। फ़्रांस के एक ऑनलाइन पोर्टल मीडियापार्ट ने बीते कुछ महीनों में राफ़ेल सौदे को लेकर कई सनसनीखेज़ रिपोर्ट जारी की हैं।
‘राफ़ेल डील में हुए भ्रष्टाचार को दफ़नाने के लिए चल रहा ऑपरेशन कवर अप’
- राजनीति
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- 9 Nov, 2021
फ़्रांस के ऑनलाइन पोर्टल मीडियापार्ट की रिपोर्ट्स के बाद राफ़ेल लड़ाकू विमान की ख़रीद के सौदे को लेकर बीजेपी और कांग्रेस फिर से आमने-सामने आ गए हैं।

मीडियापार्ट ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में कहा है कि राफ़ेल लड़ाकू विमान को बनाने वाली कंपनी यानी दसॉ एविएशन ने 2007 से 2012 के बीच एक बिचौलिया कंपनी को 7.5 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी थी। यह कंपनी सुशेन गुप्ता की है और इसका नाम इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज है। इसके बाद कांग्रेस और बीजेपी मैदान में उतर आए हैं।
बीजेपी का आरोप
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि सुशेन गुप्ता अगुस्ता वेस्टलैंड मामले में भी बिचौलिया था। उन्होंने कहा कि ये तार कहां तक जुड़ते हैं, यह जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस ने राफ़ेल के मामले में भ्रम फैलाने की कोशिश की और यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान ही राफ़ेल मामले में कमीशनखोरी हुई है।