कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोमवार सुबह ट्वीट कर कहा है, “शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई।” इसका सीधा मतलब है कि वह राज्यसभा चुनाव में पार्टी के द्वारा उम्मीदवार न बनाए जाने से नाराज हैं।
पवन खेड़ा पार्टी के मुखर प्रवक्ता हैं और तमाम बड़े मसलों पर टीवी चैनलों पर पार्टी का पक्ष रखते हैं।
नगमा भी नाराज
पवन खेड़ा के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए पूर्व अभिनेत्री और वरिष्ठ नेता नगमा ने भी प्रतिक्रिया दी है। नगमा ने कहा है कि शायद उनकी भी 18 साल की तपस्या इमरान भाई के आगे कम पड़ गई। इमरान भाई से उनका मतलब शायर और अल्पसंख्यक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी से है।
राज्यसभा चुनाव के लिए राजस्थान से बनाए गए तीनों उम्मीदवार राज्य से बाहर के हैं, ऐसे में पार्टी को इस मामले में भी आलोचना का सामना करना पड़ सकता है।
कई नेताओं ने किया किनारा
2014 के बाद से ही लगातार चुनावी हार का सामना कर रही कांग्रेस के लिए पांच राज्यों के हालिया चुनाव के बाद मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इस महीने में ही पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ और गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे हार्दिक पटेल ने पार्टी छोड़ दी। वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी पार्टी से किनारा कर लिया।
आजाद, शर्मा को टिकट नहीं
बड़ी बात यह भी है कि पार्टी ने असंतुष्ट नेताओं के गुट G-23 से जुड़े गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा को चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया है।
हालांकि अभी झारखंड से पार्टी को एक उम्मीदवार के नाम का एलान करना बाकी है जहां वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के सहयोग से एक उम्मीदवार को राज्यसभा में भेज सकती है।
लेकिन गुलाम नबी आजाद ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा है कि वह झारखंड से राज्यसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी के द्वारा अब तक उम्मीदवार नहीं बनाए जाने को लेकर कोई अफसोस नहीं है।
कांग्रेस हाईकमान बीते कई दिनों से राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम तय करने की दिमागी कसरत में जुटा हुआ था। क्योंकि कांग्रेस अब सिर्फ दो राज्यों में अपने दम पर सरकार चला रही है इसलिए राज्यसभा में ज्यादा नेताओं को भेजने की क्षमता उसकी नहीं रह गई है।
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