संसद के विशेष सत्र के एजेंडे पर केंद्र और कांग्रेस के बीच बयानबाजी का क्रम जारी है। सोनिया गांधी को जवाब में लिखे केंद्र के पत्र में दावा किया गया है कि विपक्ष को विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में सूचित करना या उस पर चर्चा करना पारंपरिक नहीं है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इसके जवाब में तथ्यों के साथ नौ प्वाइंट में दोनों सदनों में विशेष सत्रों और बैठकों के पिछले उदाहरण दिए जहां एजेंडे के बारे में विपक्ष से चर्चा की गई।
कांग्रेस महासचिव और पार्टी के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने केंद्रीय मंत्री जोशी पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
सरकार को जयराम रमेश का 9 प्वाइंट जवाब
- 1. 30 जून, 2017 - GST लागू करने के लिए आधी रात को सेंट्रल हॉल में एक संयुक्त विशेष सत्र।
- 2. वामपंथी पार्टियों द्वारा UPA-1 सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद विश्वास मत के लिए जुलाई 2008 में लोकसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था।
- 3. भारत की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 26 अगस्त, 1997 से 1 सितंबर, 1997 तक एक विशेष सत्र बुलाया गया था।
- 4. अनुच्छेद 356(3) के प्रावधान के तहत हरियाणा में राष्ट्रपति शासन की मंजूरी के लिए 3 जून 1991 से दो दिनों के लिए विशेष सत्र (158वां सत्र) आयोजित किया गया था।
- 5. अनुच्छेद 356(4) के दूसरे प्रावधान के तहत तमिलनाडु और नागालैंड में राष्ट्रपति शासन के विस्तार के लिए फ़रवरी 1977 में दो दिनों के लिए राज्यसभा का विशेष सत्र आयोजित किया गया था।
विशेष बैठकों की सूची
- 6. नवंबर, 2019 को पहले से चल रहे शीतकालीन सत्र के बीच संविधान की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सेंट्रल हॉल में दोपहर से पहले विशेष बैठक।
- 7. 9 अगस्त, 2017 - पहले से चल रहे मानसून सत्र के बीच, भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए विशेष बैठक।
- 8. 26 और 27 नवंबर, 2015 - संविधान दिवस मनाने के लिए विशेष बैठक।
- 9. 13 मई 2012 - पहले से जारी बजट सत्र के दौरान राज्यसभा और लोकसभा की पहली बैठक की 60वीं वर्षगांठ मनाने के लिए विशेष बैठक।
यह तथ्य है कि सरकार ने विशेष सत्र के लिए किसी एजेंडे की घोषणा नहीं की है। इससे अटकलें बढ़ती जा रही हैं। सरकार खुद कह रही है कि ऐसी परंपरा नहीं रही है। लेकिन जब विशेष सत्र बुलाया गया है तो सरकार ने उसका कुछ विषय और मकसद सोचा होगा। विपक्ष बस इतनी सी मांग कर रहा है कि उसे बताया जाए। इसी वजह से कांग्रेस की बुजुर्ग नेता सोनिया गांधी को पत्र लिखना पड़ा।
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