संसद की सुरक्षा में सेंध की घटना पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का कहना है, ''ऐसा क्यों हुआ? देश में मुख्य मुद्दा बेरोजगारी है। पीएम मोदी की नीतियों के कारण देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है और इसके पीछे क्या कारण है- बेरोजगारी और मंहगाई।"
संसद की सुरक्षा में बुधवार को उस वक्त सेंध लगी थी जब दो युवक सागर शर्मा और मनोरंजन डी संसद में आए और विजिटर गैलरी से लोकसभा सदन में कूद पड़े। इन लोगों ने वहां पीला धुआं छोड़ा और तानाशाही नहीं चलेगी का नारा लगया। इन्हीं दोनों के साथ नीलम आजादा और अमोल शिंदे ने संसद के बाहर ठीक उसी समय पीला धुआं छोड़ा और नारे लगाए- किसान, मजदूरों पर अत्याचार बंद करो, मणिपुर की महिलाओं पर अत्याचार बंद करो, तानाशाही नहीं चलेगी। इन चारों को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उनके पांचवें साथी विक्की शर्मा को गुड़गांव से गिरफ्तार किया गया और छठे साथी ललित झा ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। ये सभी भगत सिंह फैन क्लब के सदस्य थे। विक्की शर्मा के घर से भगत सिंह से संबंधित किताबें भी मिलीं। ललित झा की इंस्टाग्राम पोस्ट से क्रांतिकारी बातें सामने आ रही हैं। इन सब तथ्यों की जानकारी दिल्ली पुलिस के पास है। लेकिन सवाल ये है कि आखिर राहुल गांधी ने इस मामले को बेरोजगारी और महंगाई से क्यों जोड़ा।
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह केवल मीडिया से बात करते हैं लेकिन सदन में संसद सुरक्षा भेदे जाने के मुद्दे पर बयान नहीं देते हैं।
शाह के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि विपक्षी दल संसद सुरक्षा उल्लंघन का राजनीतिकरण कर रहे हैं, खड़गे ने कहा, "वह कांग्रेस का नाम लेकर वोट मांगते हैं, और नेहरू जी और गांधी जी को गाली देकर वोट लेते हैं।"
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने भी मीडिया को जानकारी दी और कोर्ट में इनका रिमांड मांगने के दौरान कोर्ट में जो कहा, उसके मुताबिक इन लोगों ने पूछताछ में बताया कि बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई से वे लोग हताश थे। चंडीगढ़ में किसानों के प्रदर्शन के दौरान ये लोग उसमें शामिल भी हुए थे। नीलम आजाद का जो वीडियो बयान आया था, उसमें भी नीलम ने यही कहा था कि वे सभी बेरोजगार लोग हैं। जब वे अपनी बातें उठाते हैं तो उन्हें पीटा जाता है।
गिरफ्तार युवकों और राहुल गांधी के बयान से साफ है कि सरकार की तमाश कोशिशों के बाद बेरोजगारी और महंगाई अहम मुद्दा बना हुआ है। बेशक भाजपा तमाम धार्मिक मुद्दे सामने लाकर सभी का ध्यान दूसरी तरफ खींचना चाहती है लेकिन संसद के अंदर और बाहर हुए युवकों के प्रदर्शन और राहुल के बयान ने इस मुद्दे को गरमा दिया है।
संसद सुरक्षा में सेंध के मुद्दे पर संसद भी गुरुवार और शुक्रवार को ठप रही। इंडिया गठबंधन के सांसदों ने लगातार दो दिन इस मुद्दे को उठाया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सदन में बयान देने और इस पर चर्चा की मांग की। लेकिन न तो लोकसभा में और न ही राज्यसभा में स्पीकर और सभापति ने चर्चा की अनुमति दी। गुरुवार को खराब बर्ताव का आरोप लगाकर लोकसभा से 13 और राज्य सभा से एक सांसद को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। तमिलनाडु के एक ऐसे सांसद को भी निलंबित किया गया तो सदन में ही नहीं थे लेकिन बाद में संसदीय कार्यमंत्री ने इसे गलती बताते हुए, उनका नाम हटा दिया।
इस बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शनिवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की टिप्पणी पर कटाक्ष किया और कहा, वो मुहम्मद अली जिन्ना की विचारधारा से प्रभावित हैं। गिरिराज सिंह ने कहा, ''ओवैसी में जिन्ना की आत्मा घुस गई है, यही वजह है कि उन्हें सिर्फ मुसलमान नजर आते हैं और वे अपराधियों में भी हिंदू-मुस्लिम एंगल ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं।'' दरअसल, ओवैसी ने संसद सुरक्षा भेदने को गंभीर मामला बताते हुए कहा था कि इसमें कोई मुस्लिम शामिल नहीं है।
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