समाजवाद के प्रखर चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि जब सड़कें सूनी हो जाती हैं तो संसद आवारा हो जाती है। डॉ. लोहिया ने बिलकुल ठीक कहा था और बीते कुछ सालों से सड़कें सूनी थीं लेकिन इन दिनों पेगासस जासूसी मामला हो या किसान आंदोलन का या फिर कोरोना की दूसरी लहर में मोदी सरकार की नाकामियों का, इन मुद्दों को लेकर संसद से लेकर सड़क तक ख़ूब शोर हो रहा है और इसका सीधा मतलब यह है कि विपक्ष अब नींद से जाग गया है।
विपक्ष में जान फूंक पाएगा पेगासस जासूसी का मुद्दा?
- राजनीति
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- 24 Jul, 2021

समाजवाद के प्रखर चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि जब सड़कें सूनी हो जाती हैं तो संसद आवारा हो जाती है।
हुक़ूमत किसी भी दल की हो, विपक्ष का काम लगातार सत्ता पक्ष को कठघरे में खड़े करने का है। इसलिए जम्हूरियत को जिंदा रखने में विपक्ष का बड़ा रोल माना जाता है।