समाजवाद के प्रखर चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि जब सड़कें सूनी हो जाती हैं तो संसद आवारा हो जाती है। डॉ. लोहिया ने बिलकुल ठीक कहा था और बीते कुछ सालों से सड़कें सूनी थीं लेकिन इन दिनों पेगासस जासूसी मामला हो या किसान आंदोलन का या फिर कोरोना की दूसरी लहर में मोदी सरकार की नाकामियों का, इन मुद्दों को लेकर संसद से लेकर सड़क तक ख़ूब शोर हो रहा है और इसका सीधा मतलब यह है कि विपक्ष अब नींद से जाग गया है।