नितिन गडकरी ने फिर अपने एक बयान से राजनीतिक तूफ़ान खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा है कि उनको एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने प्रधानमंत्री पद की पेशकश की थी। उनका कहना है कि यह पेशकश उनको लोकसभा चुनाव 2024 से पहले की गई थी। तो सवाल है कि आख़िर इस पेशकश पर गडकरी ने क्या कहा और आख़िर वह नेता कौन है जिन्होंने यह पेशकश की थी?
इन सवालों के जवाब ढूंढने से पहले यह जान लें कि केंद्रीय परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कब ये बात कही। उनकी यह घोषणा शनिवार को तब आई है जब लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के इस कार्यकाल के 4 महीने से ज़्यादा हो चुके हैं।
केंद्रीय मंत्री नागपुर में शनिवार को पत्रकारिता पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'विपक्षी दल के एक वरिष्ठ नेता ने मुझसे प्रधानमंत्री पद की पेशकश की। मुझे बताया गया कि अगर मैं हामी भरता हूं तो वे मुझे प्रधानमंत्री बनाने के लिए काम करेंगे।' उन्होंने कहा, 'मैंने तुरंत प्रस्ताव ठुकरा दिया। मैंने उस नेता से साफ तौर पर कहा कि मैं विचारधारा और विश्वास में विश्वास रखने वाला व्यक्ति हूं। मैंने हमेशा सिद्धांतों पर काम किया है।'
एएनआई के अनुसार गडकरी ने आगे कहा, 'मैंने यह साफ़ कर दिया कि मैंने कभी देश का पीएम बनने की महत्वाकांक्षा नहीं रखी। इसलिए, कोई भी प्रस्ताव स्वीकार करने का सवाल ही नहीं था। मेरी परवरिश ऐसी हुई है कि मैं कुछ सिद्धांतों और विश्वास पर जीया हूं, जिन पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।'
हालाँकि गडकरी ने विपक्षी नेता की पहचान बताने या अधिक जानकारी देने से परहेज किया, लेकिन उनके इस खुलासे से लोग चौंक गए।
बता दें कि खांटी आरएसएस नेता के तौर पर जाने जाने वाले गडकरी के कांग्रेस सहित सभी दलों के नेताओं के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। महाराष्ट्र में गडकरी के उद्धव ठाकरे और शरद पवार जैसे नेताओं के साथ उनकी अच्छी बनती है। महाराष्ट्र के बाहर भी दूसरे दलों के नेताओं से उनका संबंध सौहार्दपूर्ण रहा है।
नितिन गडकरी को भाजपा के सबसे ताकतवर नेताओं में से एक माना जाता है। इसके साथ ही उनकी संघ परिवार से भी बेहद नज़दीकी रिश्ते रहे हैं। ऐसे में पार्टी के अंदर गडकरी के समर्थक कई बार ऐसे दावे कर चुके हैं कि भविष्य में वे प्रधानमंत्री पद के लिए एक बेहतर उम्मीदवार हो सकते हैं।
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