रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने रफ़ाल सौदे पर संसद में हुई तीखी टहबहस के दौरान रॉबर्ट वाड्रा को लेकर राहुल गाँधी पर तंज किया। हालाँकि उन्होंने सीधे उनका नाम नहीं लिया, पर जो कुछ कहा, उसका अर्थ सायहफ़ था। वे राहुल के उठाए सवालों के जवाब दे रही थीं। लेकिन वे दौरान बेहद आक्रामक हो गईं और राहुल पर सीधे तेज़ हमले करने लगीं। राहुल ने कहा था कि रफ़ाल का सौदान 'ए. ए.' को मिला, उनका आशय अनिल अंबानी से था। इस पर पलटवार करते हुए 'सीतारमण ने कहा, हर 'ए. ए.' के पीछे 'आर. वी.' होता है।' उन्होंने वाड्रा का नाम नहीं लिया। पर इसके बाद उन्होंने जो कुछ कहा, उससे मामला साफ़ हो गया। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह 'आर. वी.' प्रधानमंत्री का दामाद नही है, बल्कि यह तो देश का दामाद है। बीजेपी इसके पहले कई बार कांग्रेस पर तंज करते हुए सोनिया गाँधी के दामाद को देश का दामाद कह चुकी है। नरेंद्र मोदी ने 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान व्यंग्य किया, 'पहले तो फ़ोर जी का घपला था, अब तो जीजा जी का भी घपला सामने आ रहा है।'
यह 'क्यू' कौन है?
सीतारमण ने कुछ ज़्यादा ही तीखे वार किए। उन्होंने कहा, सिर्फ 'ए. ए. का ही मामला नहीं है, क्यू का मामला भी है। इस तरह एब्रीविएशन का इस्तेमाल करने वालों को संभल कर बोलना चाहिए। यह दुधारी तलवार है, दूसरी तरफ़ भी घाव कर सकती है।' उन्होंने यह नहीं कहा कि 'क्यू' का मतलब किससे है। पर उनका आशय साफ़ था। वे क्वात्रोच्ची के बारे में कह रही थी। ओत्तावियो क्वात्रोची का नाम बोफ़ोर्स मामले में आया था। वे इटली के नागरिक थे और कहा जाता है कि सोनिया गाँधी के परिचितों में एक थे।वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी क्वात्रोच्ची के मामले में व्यंग्य किया। उन्होने पूछा कि क्या राहुल गाँधी 'क्यू' की गोद में खेल रहे थे जब बौफ़ोर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने अपनी डायरी में लिखा था कि 'क्यू' को हर हाल में बचाया जाना चाहिए।
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