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यूपी में सत्ता का दुरुपयोग, सरकार और बीजेपी में कोई सीमा रेखा बची ही नहींः जयंत

राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के प्रमुख जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा है कि यूपी में सरकार और पार्टी के बीच सीमा रेखा धुंधली हो गई है। एनडीटीवी को दिए गए इंटरव्यू में जयंत चौधरी ने कहा, "योगी सरकार बड़े पैमाने पर सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। शिक्षकों को रैलियों में शामिल होने के लिए बसों से भेजा जा रहा है। मुझे बताया गया है कि इस बार पोस्टल बैलेट का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग होने जा रहा है। लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।

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43 साल के रालोद प्रमुख ने कहा, "कुछ युवकों ने मुझे भी बताया है कि उन्हें उनके वरिष्ठों की देखरेख में वोट करने को कहा गया है। इसका मतलब समझा जा सकता है।"  बीजेपी पश्चिमी यूपी में महत्वपूर्ण जाट वोट को मजबूत करने के लिए एक नई रणनीति बना रही है, जिसके जरिए इसे पिछले तीन चुनावों में सत्ता मिली थी। जाटों ने बीजेपी को केंद्र और राज्य दोनों जगह सत्ता दिलाई। हालांकि, रालोद और समाजवादी पार्टी के साथ इस बार साझेदारी है।

पश्चिमी यूपी के जाटों ने अब वापस ले लिए गए विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। अब जाट, पहले से कहीं ज्यादा, रालोद नेताओं की रैलियों में शामिल हो रहे हैं।

जयंत चौधरी ने कहा कि किसानों के मूड में तब बदलाव आया जब उनके नेता राकेश टिकैत किसान विरोधी कानूनों के विरोध के दौरान भावुक हो गए और रोने लगे। उन्होंने कहा, "उसने लोगों को प्रेरित किया, जिसने हम सभी को प्रेरित किया - मेरे पिता, मैं, जाट समुदाय के लिए यह एक निर्णायक क्षण था। हम आपस में लड़ सकते हैं, मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हम सभी ऐसे समय में एकसाथ आ जाते हैं।"

  

जयंत ने कहा - 

मैंने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने का बहुत ही सोच-समझकर फैसला किया है और मैं इस पर कायम रहूंगा।


-जयंत चौधरी, अध्यक्ष, राष्ट्रीय लोकदल

उन्होंने कहा कि "बीजेपी नहीं बदलेगी - उनका पूरा अभियान मंदिर-मस्जिद की राजनीति, राम मंदिर निर्माण, जिन्ना आदि पर आधारित है। बीजेपी को 20 प्रतिशत की परवाह नहीं है। ये 20 प्रतिशत कौन हैं? बीजेपी की बयानबाजी के अनुसार ये 20 प्रतिशत हैं जो पाकिस्तान के लिए जयकार करते हैं, भारत को अच्छा नहीं देखकर खुश हैं, जब बीजेपी के साथ कुछ बुरा होता है तो पटाखे फोड़ते हैं। लेकिन ये सब बयानबाजी वो अपने उस वर्ग के लिए करते हैं जो इनके इशारों पर नाचने को तैयार है। .

रालोद के भीतर हाल की परेशानियों का फायदा उठाने की उम्मीद बीजेपी कर रही है। मेरठ बेल्ट में कुछ सीटें समाजवादी पार्टी को जाने पर रालोद का कैडर बेहद परेशान है।

 गठबंधन के उम्मीदवारों की सूची की घोषणा के बाद पिछले हफ्तों में सिवलखास, सरधना और हस्तिनापुर में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं।

इसी तरह की परेशानी मुजफ्फरनगर में चल रही है, जहां गठबंधन ने मुस्लिम वोट को बरकरार रखने के लिए मुसलमानों को मैदान में उतारने का फैसला किया है। इस क्षेत्र में लगभग 40 प्रतिशत मुस्लिम आबादी थी। 2017 में, बीजेपी ने मुजफ्फरनगर जिले की सभी छह विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी।

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क़मर वहीद नक़वी
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