ममता बनर्जी के तेवरों और कदमों की चाल देख कर चर्चा शुरु हो गई है कि तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री खुद को 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकल्प के रूप में तैयार कर रही हैं। लेकिन ममता मोदी का विकल्प बनने से पहले तृणमूल कांग्रेस को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विकल्प बनाने के राजनीतिक अभियान में जुट गई हैं।
क्या है ममता का गेमप्लान! क्यों तोड़ रही हैं कांग्रेस?
- राजनीति
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- विनोद अग्निहोत्री
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- 26 Nov, 2021
बात सिर्फ कांग्रेस नेताओं की ही नहीं है। ममता चाहती हैं कि उनके साथ देश के वो तमाम नेता और कार्यकर्ता तृणमूल कांग्रेस में आकर जुड़ें जो भाजपा के सिद्धांतों, विचारधारा और कार्यशैली से न सिर्फ असहमत हैं बल्कि उसे सत्ता से हटाना भी चाहते हैं।

उनके इस अभियान की पूरी रूपरेखा चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने तैयार की है, जिसमें आगे चलकर मूल कांग्रेस के अलग हो चुके धड़ों को एकजुट करके गांधी नेहरू पटेल अंबेडकर की कांग्रेसी विचारधारा वाली एक ऐसी पार्टी बनाना भी शामिल है जो 2024 का लोकसभा चुनाव आते-आते सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस का विकल्प बन सके।
इसके लिए शरद पवार, जगन मोहन रेड्डी और चंद्रशेखर राव जैसे पूर्व कांग्रेसियों और अब महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सरकारें चला रहे इन दिग्गजों से इस राष्ट्रीय संभावना पर बातचीत भी हो चुकी है।