मणिपुर हिंसा पर संसद में बने गतिरोध को लेकर देश के गृहमंत्री अमित शाह के लिखे खत का अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि आपके पत्र में व्यक्त भावनाओं की कथनी और करनी में जमीन आसमान का फर्क है।
उन्होंने आगे कहा, 'सरकार का रवैया आपके पत्र के भाव के विपरीत सदन में असंवेदनशील और मनमाना रहा है। यह रवैया नया नहीं, बल्कि पिछले कई सत्रों में भी विपक्ष को देखने को मिला है। नियमों और परिपाटी को ताक पर रख कर विपक्ष को एक चाबुक से हाँका जा रहा है।'
एक ही दिन में आदरणीय प्रधानमंत्री देश के विपक्षी दलों को अंग्रेज शासकों और आतंकवादी दल से जोड़ते हैं और उसी दिन गृहमंत्री भावनात्मक पत्र लिखकर विपक्ष से सकारात्मक रवैये की अपेक्षा करते हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष में समन्वय का अभाव वर्षों से दिख रहा था, अब यह खाई सत्तापक्ष के अंदर… pic.twitter.com/GcTgSwHsrT
— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 26, 2023
खड़गे मणिपुर की स्थिति पर बहस की मांग करने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पत्र पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। खड़गे ने लिखा, 'पत्र के जरिए भावनाएं व्यक्त करना आसान है लेकिन उससे ज़्यादा आसान है अपने आचरण से विपक्षी दलों का विश्वास जीतना।'
संसद में गतिरोध के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा था कि उन्होंने लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा है। उन्होंने दोहराया कि सरकार मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए विपक्ष को अनुकूल माहौल बनाना होगा।
बता दें कि मंगलवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई थी। इसमें प्रधानमंत्री ने विपक्षी गठबंधन के नाम इंडिया पर कहा- 'जो लोग सत्ता चाहते हैं और देश को तोड़ना चाहते हैं वो ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन मुजाहिदीन जैसे नाम रख रहे हैं। इनमें भी इंडिया आता है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया में भी इंडिया नाम आता है, लेकिन लोग इससे गुमराह नहीं होंगे।'
उन्होंने लिखा है, 'आपके पत्र की भावना के विपरीत, सदन में रवैया असंवेदनशील और मनमाना रहा है। यह रवैया नया नहीं है। छोटी-छोटी घटनाओं को तिल का ताड़ बनाकर कुछ सदस्यों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।' उन्होंने लिखा, 'विपक्षी दलों के सदस्य हर स्थगन के बाद सदन में इस उम्मीद के साथ इकट्ठा होते हैं कि सदन फिर से सुचारू रूप से चलेगा। लेकिन अब तक निराशा ही हाथ लगी है।'
पिछले सप्ताह 4 मई का एक वीडियो सामने आने के बाद मणिपुर में तनाव बढ़ गया। यह वीडियो हाल ही में वायरल हुआ जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया गया और सामूहित दुष्कर्म किया गया। घटना के सिलसिले में मणिपुर पुलिस ने अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से डेढ़ सौ से अधिक लोगों की जान चली गई है और कई घायल हुए हैं।
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