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चुनाव में कौन सी पार्टी अधिक सीटें जीतती है, फिर उस पार्टी के नेता का चयन करने के बजाय पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला किया जाना चाहिए।
-उद्धव ठाकरे, प्रमुख शिवसेना यूबीटी सोर्सः पीटीआई-एएनआई
पूर्व मुख्यमंत्री ने विपक्षी गठबंधन के पार्टी कार्यकर्ताओं की एक संयुक्त बैठक में यह टिप्पणी की। बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले भी मौजूद थे। उद्धव ने साफ किया कि यह सिर्फ मेरे बारे में नहीं है। यह महाराष्ट्र के अधिकारों के लिए लड़ने की बात है। उद्धव ने कहा- "मैं एमवीए (महा विकास अघाड़ी) के लिए सीएम उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार) द्वारा चुने गए किसी भी उम्मीदवार का समर्थन करूंगा।"
ठाकरे ने महा विकास अघाड़ी के दलों से राज्य के हितों की रक्षा के लिए व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को एक तरफ रखने का आग्रह किया।शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा कि विधानसभा चुनाव हाल के लोकसभा चुनावों के विपरीत, महाराष्ट्र के स्वाभिमान की रक्षा की लड़ाई होगी, वो लड़ाई लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए थी।
उद्धव का यह बयान काफी रणनीतिक माना जा रहा है। हाल ही में उद्धव ने दिल्ली जाकर कांग्रेस की बुजुर्ग नेता सोनिया गांधी और नेता विपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। फिर वो शरद पवार से भी मिले थे। उसके बाद उनका यह बयान 16 अगस्त को आया है। हालांकि इंडिया गठबंधन के सूत्रों ने कहा कि महाराष्ट्र में उद्धव ही सीएम के रूप में हमारा चेहरा होंगे। इसमें कहीं कोई शक नहीं है।
हाल के आम चुनावों में, ठाकरे की सेना ने राज्य में नौ लोकसभा सीटें जीतीं। जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गुट ने आठ सीटें जीतीं, कांग्रेस 13 सीटों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। महाराष्ट्र में 48 लोकसभा क्षेत्र हैं। भाजपा का प्रदर्शन यूपी के बाद महाराष्ट्र में भी बहुत खराब रहा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने सात सीटें जीतीं, भाजपा ने नौ सीटें जीतीं और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समूह एक सीट जीतने में कामयाब रही। तीनों दल राज्य के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के घटक है और केंद्र में इनका राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) है।
राजनीतिक तौर पर यूपी और महाराष्ट्र ने भाजपा के रथ को रोक दिया। कुल मिलाकर, भाजपा ने 240 लोकसभा सीटें जीतीं, जो 2019 में उसकी 303 सीटों से काफी कम है। चूंकि वह 272 सीटों का बहुमत भी नहीं पा सकी, इसलिए उसे सरकार बनाने के लिए एनडीए में अपने गठबंधन सहयोगियों पर निर्भर रहना पड़ रहा।
वक्फ बिल को लेकर मोदी पर हमला
ठाकरे ने शुक्रवार को विवादास्पद वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश करने पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार की भी आलोचना की। उद्धव ने पूछा कि जब पिछले लोकसभा कार्यकाल के दौरान भाजपा के पास संसद में बहुमत था तो इसे पारित क्यों नहीं किया गया। ठाकरे ने सवाल किया- "आप हमारे बीच फूट डालने के लिए वक्फ बिल क्यों लाए? और अगर आपको इसे लाना ही था, तो जब आपके पास बहुमत था तो आपने ऐसा क्यों नहीं किया?”
ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि जब विधेयक पेश किया गया तो उनकी पार्टी के सांसद संसद में नहीं थे। उन्होंने आगे कहा, "अगर आप वक्फ बोर्ड की जमीन चुराकर अपने उद्योगपति दोस्तों को देने जा रहे हैं, जैसे आप हमारे हिंदू मंदिरों से जमीन छीनकर अपने ठेकेदार दोस्तों को दे रहे हैं, तो हम कोई गलत काम नहीं होने देंगे।"
लोकसभा में इस बिल का मसौदा कानून पेश किए जाने के बाद विपक्ष की आपत्तियों के बीच 8 अगस्त को विधेयक को जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया था। इसमें वक्फ अधिनियम 1995 की 44 धाराओं में संशोधन का प्रस्ताव किया गया। लेकिन मुस्लिम समुदाय और तमाम विपक्षी दलों ने इसका सख्त विरोध किया था।
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