विपक्ष ने बसपा प्रमुख मायावती को बार-बार इंडिया गठबंधन में शामिल होने की दावत दी लेकिन मायावती ने हर ऑफर को ठुकरा दिया। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा और सपा ने यूपी में मिलकर 15 सीटें जीत ली थीं, जिसमें 10 सीटें बसपा को मिली थीं। लेकिन उसके बाद गठबंधन टूट गया और बसपा फिर कभी विपक्षी खेमे में नहीं लौटी। कांग्रेस ने कोशिश भी की लेकिन मायावती ने कोई जवाब नहीं दिया। विपक्षी दलों और खासकर सपा का यह आम आरोप है कि मायावती का रवैया भाजपा को लेकर लचीला है, वो सत्तारूढ़ पार्टी की ठीक से आलोचना तक नहीं कर पाती हैं। बसपा को भाजपा की बी टीम कहा जाने लगा।