विपक्ष ने बसपा प्रमुख मायावती को बार-बार इंडिया गठबंधन में शामिल होने की दावत दी लेकिन मायावती ने हर ऑफर को ठुकरा दिया। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा और सपा ने यूपी में मिलकर 15 सीटें जीत ली थीं, जिसमें 10 सीटें बसपा को मिली थीं। लेकिन उसके बाद गठबंधन टूट गया और बसपा फिर कभी विपक्षी खेमे में नहीं लौटी। कांग्रेस ने कोशिश भी की लेकिन मायावती ने कोई जवाब नहीं दिया। विपक्षी दलों और खासकर सपा का यह आम आरोप है कि मायावती का रवैया भाजपा को लेकर लचीला है, वो सत्तारूढ़ पार्टी की ठीक से आलोचना तक नहीं कर पाती हैं। बसपा को भाजपा की बी टीम कहा जाने लगा।
यूपीः क्या बसपा के मुस्लिम-ब्राह्मण प्रत्याशी I.N.D.I.A गठबंधन के वोट काट पाएंगे?
- राजनीति
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- 16 Apr, 2024
लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर यूपी की 80 सीटें बहुत मायने रखती हैं। यहां से जो पार्टी जितनी ज्यादा सीटें जीतेगा, राष्ट्रीय स्तर पर उसका महत्व बढ़ना तय है। हालांकि सभी 80 सीटों पर भाजपा और विपक्षी इंडिया गठबंधन की सीधी लड़ाई है। बसपा प्रमुख मायावती ने इंडिया में शामिल न होकर और यूपी में अपने प्रत्याशी उतारकर इस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है। बसपा ने कई मुस्लिम और ब्राह्मण प्रत्याशी उतारे हैं। ऐसे प्रत्याशी विपक्ष का कितना नुकसान कर पाएंगे, इसको जानिएः
