एएनआई के मुताबिक सैफुल्ला ने कहा, "अब मेरी पार्टी एक ऐसी पार्टी से हाथ मिला रही है जो समुदायों और जाति के बीच दरार पैदा करती है... जो हम धर्मनिरपेक्ष नेताओं को इसका विरोध करना ही होगा।" .
इस गठबंधन और मुलाकात की पुष्टि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्विट करके दी थी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जद(एस) नेता एचडी कुमारस्वामी से हमारे वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में मुलाकात हुई है। मुझे खुशी है कि जेडीएस ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा बनने का फैसला किया है। हम एनडीए में उनका तहे दिल से स्वागत करते हैं। यह एनडीए और माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को और मजबूत करेगा। माना जा रहा है कि कर्नाटक में दोनों ही दलों के करीब आने से कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में कड़ी टक्कर मिल सकती है।
2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने कर्नाटक में 25 सीटें जीतकर अपनी शानदार कामयाबी का परचम लहराया था। इसके साथ ही उसके समर्थित निर्दलीय ने एक सीट पर जीत हासिल की थी। वहीं कांग्रेस और जद(एस) ने 2019 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था।
उस चुनाव में कांग्रेस 21 सीटों पर और जद(एस ) 7 सीटों पर लड़ी थी। उनके बीच गठबंधन के बावजूद बीते लोकसभा चुनाव में दोनों को मात्र एक-एक सीट पर ही जीत मिली थी।अब पांच वर्ष बाद जेडीएस 2024 के लोकसभा चुनाव में मात्र 4 सीट पर ही लड़ेगी। इस तरह से वह पिछले के मुकाबले करीब आधी सीटों पर ही चुनाव में उतरेगी। पिछले लोकसभा चुनाव में 9.74 प्रतिशत वोट मिले थे। ऐसे में जेडीएस का अब अच्छा-खासा प्रभाव राज्य में माना जा रहा है। इस गठबंधन के होने से कांग्रेस के लिए चुनौती बढ़ेगी। वहीं भाजपा पहले से ज्यादा मजबूत होकर सामने आ सकती है।
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