भोपाल से दिल्ली तक पिछले तीन दिनों से खबर आ रही थी कि कमलनाथ भाजपा में जाने वाले हैं। शनिवार को कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के साथ दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। तब उस समय एमपी के भाजपा अध्यक्ष ने समर्थकों के साथ खड़े कमलनाथ और नकुलनाथ का फोटो ट्वीट करते हुए लिखा था- जय भाजपा। कमलनाथ जब दिल्ली आ गए तो मीडिया में खबरें आईं कि वो भाजपा नेताओं से मिल रहे हैं, जल्द ही शामिल होंगे। कमलनाथ ने खुद भी इसका खंडन करने की बजाय यह कहा था कि जब भी ऐसा कुछ होगा, वो मीडिया को बताएंगे। लेकिन उन्होंने यह नहीं कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। लेकिन
सोमवार 19 फरवरी को एबीपी न्यूज चैनल के मुताबिक कमलनाथ ने उस चैनल से कहा कि वो भाजपा में नहीं जा रहे हैं। जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सारी बातें रखेंगे। लेकिन सवाल यह है कि कमलनाथ का भाजपा में जाना कैसे रुक गया।
1984 के सिख विरोधी दंगों में कमलनाथ का नाम कथित तौर पर आया था। सिख समुदाय के लोग आज भी जगदीश टाइटलर, सज्जन कुमार और कमलनाथ की भूमिका को लेकर बोलते रहते हैं। हालांकि कमलनाथ पर आज तक सिख विरोधी दंगों को लेकर कोई आरोप साबित नहीं हो पाया। लेकिन अभी जब उनकी भाजपा एंट्री को लेकर चर्चा शुरू हुई तो भाजपा के ही कुछ नेताओं ने पार्टी नेतृत्व को बताया कि पंजाब में शिरोमणि अकाली दल इसके बाद शायद ही भाजपा से समझौता करे। समझा जाता है कि इसी वजह से कमलनाथ को भाजपा में आने से रोका दिया गया।
भाजपा में कमलनाथ की एंट्री सिख वाले मामले की वजह से रुकी, इसका पता भाजपा के युवा सिख नेता तेजिंदर बग्गा के बयान से भी लगता है। बग्गा ने रविवार देर रात ही ट्वीट करके संकेत दिया था कि कमलनाथ को भाजपा में प्रवेश नहीं मिलेगा। बग्गा ने ट्वीट में लिखा था- कमलनाथ के लिए “भाजपा के दरवाजे न तो पहले कभी खुले थे और न ही अब हैं। कई दोस्त कॉल कर रहे हैं और @OfficeOfKNath के बारे में पूछ रहे हैं। मैंने उन्हें फोन पर बता दिया है और यहां भी कह रहा हूं कि भाजपा के दरवाजे कमलनाथ के लिए न पहले खुले थे और न अब हैं। वो सिखों का हत्यारा है और जिसने गुरु तेग बहादुर जी के गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब को जला दिया था। मैं आप सभी को आश्वस्त करता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के रहते यह कभी संभव नहीं होगा।''
तेजिंदर बग्गा ने कहा कि पीएम मोदी और भाजपा ने हमेशा सिख समुदाय के लिए काम किया है और कमलनाथ को कभी भी पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमें पीएम मोदी के नेतृत्व और सिख समुदाय के प्रति उनकी भावनाओं पर पूरा भरोसा है।''
यह पूछे जाने पर कि क्या वह नाथ के बेटे नकुलनाथ के भाजपा में प्रवेश का भी विरोध करेंगे, बग्गा ने कहा, “हम कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने के विरोध में हैं और हमें किसी और के बारे में कुछ नहीं कहना है। कोई भी पार्टी में शामिल हो सकता है।”
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, कमलनाथ ने आठ कांग्रेस नेताओं की सूची दी है जो बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व में शामिल होना चाहते हैं, लेकिन अगर पार्टी उन्हें अच्छे पद देने का आश्वासन दे।
भाजपा में अकेले बग्गा नहीं हैं जो कमलनाथ के खिलाफ हैं। भाजपा के सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय प्रवक्ता और सिख नेता आर.पी. सिंह ने नाथ को पार्टी में शामिल किए जाने की संभावना को लेकर पार्टी को अपनी 'असहजता' से अवगत कराया है। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया कि “भाजपा नेता और कार्यकर्ता हमेशा अन्य दलों के अच्छे लोगों के लिए खुले रहे हैं जो भाजपा में शामिल होने के लिए देश के लिए काम करना चाहते हैं। लेकिन कमलनाथ का भाजपा में प्रवेश, जब पार्टी सिख विरोधी दंगों में उनकी भूमिका की आलोचना करती रही है, सिख समुदाय के भीतर केवल एक दाग छोड़ेगा।'
एक अन्य भाजपा पदाधिकारी ने कहा कि ये "महज अफवाहें" हैं और पार्टी कमलनाथ जैसे किसी व्यक्ति को भाजपा में शामिल होने की अनुमति नहीं देगी, हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि उनके बेटे और सांसद नकुल नाथ भाजपा के संपर्क में हैं। अगर उनका बेटा भाजपा में शामिल होता है, तो किसी को कोई समस्या नहीं होगी। उन्होंने (कमलनाथ ने) जो किया उसके लिए हम उनके बेटे को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। लेकिन इस सब पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।
बहरहाल, सोमवार के घटनाक्रम से जाहिर हो गया कि कमलनाथ भाजपा में नहीं जा रहे हैं। यही वजह है कि कमलनाथ एक तरफ अपने भाजपा में जाने की खबरों का रविवार रात तक खंडन नहीं कर रहे थे और कमलनाथ की ओर से पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी लगातार कह रहे थे कि कमलनाथ भाजपा में नहीं जाएंगे। वे कांग्रेस में ही रहेंगे। लेकिन यह एक राजनीतिक खेल था, जिसमें लेन-देन को लेकर रस्साकशी चल रही थी।
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