बीजेपी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक्सटेंशन देने जा रही है। इसका मतलब यह है कि नड्डा 2024 के लोकसभा चुनाव तक राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी पर बने रहेंगे। नड्डा का कार्यकाल 20 जनवरी, 2023 को समाप्त हो रहा है। नड्डा को जुलाई, 2019 में कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था और 20 जनवरी, 2020 को वह पूर्णकालिक अध्यक्ष बने थे। उनका चुनाव सर्वसम्मति से हुआ था।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने एक्सटेंशन दिया था।
बीजेपी के संविधान के मुताबिक, पार्टी में कोई भी नेता 3-3 साल तक लगातार दो बार अध्यक्ष पद पर बने रह सकता है। साल 2023 बेहद अहम है और इसमें 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी तैयारियां शुरू हो गई हैं।
माना जा रहा है कि बीजेपी को अब अगला अध्यक्ष मई 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद ही मिलेगा।
मोदी का भरोसा हासिल
बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक, जेपी नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भरोसा हासिल है। इसके अलावा वह बीजेपी और संघ परिवार की जातीय समीकरणों वाली राजनीति में भी फिट बैठते हैं।
बीजेपी ने आदिवासी समुदाय से आने वालीं द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया है तो ओबीसी समाज से आने वाले जगदीप धनखड़ उपराष्ट्रपति बने हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ओबीसी समुदाय से आते हैं जबकि जेपी नड्डा ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। ऐसे में यह जातीय समीकरण पार्टी और संघ परिवार के लिए मुफीद बैठता है।
बीजेपी और संघ परिवार इस बात को जानते हैं कि बिहार में नीतीश कुमार के एनडीए का साथ छोड़ने और बीजेपी के साथ जाने के बाद विपक्षी दलों ने एक मंच पर आने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। बीजेपी के पास अभी कोई बड़ा राजनीतिक सहयोगी किसी राज्य में नहीं है। हालांकि उसने शिवसेना में जबरदस्त सेंध लगाई है लेकिन असली शिवसेना किसकी है, इस बारे में और एकनाथ शिंदे-बीजेपी सरकार के बारे में फैसला होना अभी बाकी है।
सहयोगियों ने छोड़ा
बीते कुछ सालों में बीजेपी ने अपने अहम सहयोगियों जनता दल यूनाइटेड, शिवसेना, हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, शिरोमणि अकाली दल को खो दिया है। ऐसे में पार्टी को कई राज्यों में छोटे सहयोगी दलों के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरना है। विपक्ष के साथ ही बीजेपी भी चुनावी तैयारियों में जुटी हुई है और इन दिनों खुद जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तेलंगाना से लेकर गुजरात और हिमाचल प्रदेश के दौरे कर रहे हैं।
हाल ही में बीजेपी ने महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए हैं और कई जगहों पर प्रभारियों को बदला है।
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अगर विपक्ष एकजुट हुआ तो निश्चित रूप से बीजेपी को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में जेपी नड्डा को अगर पार्टी एक्सटेंशन देती है तो उन्हें बीजेपी और संघ परिवार के इस फैसले को सही साबित करना होगा।
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