जयंत चौधरी और उनकी आरएलडी पार्टी एनडीए में शामिल हो गए। हाल ही में केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिया था। उनके पोते जयंत चौधरी ने एक लाइन लिखी- दिल जीत लिया। उसके बाद वो भाजपा के हो गए। वही जयंत चौधरी जो एक हफ्ता पहले पश्चिमी यूपी के गांव में साम्प्रदायिक शक्तियों से लड़ने की कसम खा रहे थे। लेकिन विचारधारा और निष्ठा रातोंरात बदल गई। लेकिन यहां सवाल यह है कि जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी को एनडीए में शामिल करने में इतनी देर क्यों लगाई गई। आखिर भाजपा ने उन्हें इतना इंतजार क्यों कराया। इसके अलावा सवाल यह भी है कि क्या जयंत के भाजपा से हाथ मिलाने के बाद पश्चिमी यूपी का किसान जो अधिकतर जाट है, भाजपा के साथ इस गठबंधन को पसंद करेगा। ये तमाम सवाल हैं जो जयंत चौधरी के पाला बदलने से उठ खड़े हुए हैं।
एनडीए में जयंत चौधरी क्या जाट-किसान वोटों का वादा लेकर आए हैं?
- राजनीति
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- 29 Mar, 2025
काफी इंतजार के बाद जयंत चौधरी और उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) को एनएडी में एंट्री मिल गई है। इसी के साथ पश्चिमी यूपी के राजनीतिक समीकरण भी बदल गए हैं। लेकिन क्या नाराज जाटों और किसानों का वोट भाजपा और एनडीए को दिला पाएंगे जयंत। समझिए पश्चिम यूपी की राजनीतिः
