भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को आगामी लोकसभा चुनावों के लिए 195 उम्मीदवारों के नामों के साथ अपनी पहली सूची जारी करते हुए 33 मौजूदा सांसदों के स्थान पर नए चेहरों को शामिल किया। इससे कई संकेत मिल रहे हैं। सबसे बड़ा संकेत तो यही है कि सत्तारूढ़ पार्टी को अपने ही पुराने सांसदों की जीत का भरोसा नहीं है। इसलिए उनके टिकट काट दिए गए। भाजपा ने आखिर हिम्मत क्यों नहीं दिखाई, जबकि चुनाव तो पीएम मोदी की छवि पर जीता जाना है तो ऐसे में किसी का टिकट काटने की जरूरत ही नहीं थी। लेकिन सबसे चौंकाने वाले नामों में पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे परवेश वर्मा, भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी हैं, जिनके नाम पहली सूची में नहीं हैं। ये सभी अपनी विवादित साम्प्रदायिक टिप्पणियों के लिए बदनाम हैं। क्या यह माना जाए कि भाजपा कुछ भूल सुधार करना चाहती है।
भाजपा सूची का बड़ा संकेतः क्या पुरानों और विवादितों की जीत का भरोसा नहीं था?
- राजनीति
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- 3 Mar, 2024
लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की पहली सूची को गौर से देखें तो उससे कई संकेत मिल रहे हैं। पहली सूची में 33 मौजूदा सांसदों के नाम गायब हैं। उनकी जगह नए नाम सामने आए हैं। प्रज्ञा ठाकुर, प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी जैसे अति विवाद नाम भी गायब हैं। इससे पता चलता है कि भाजपा को खुद अपने पुराने सांसदों की जीत का भरोसा नहीं है। तो क्या विवादित सांसदों के टिकट काटने की वजह क्या छवि सुधारने की पहल है।
