loader

...सिर्फ़ कांग्रेस ही दे सकती है बीजेपी को चुनौती: आज़ाद

कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आज़ाद ने रविवार को कहा कि सिर्फ़ कांग्रेस ही गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में बीजेपी को चुनौती दे सकती है। उन्होंने कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता की नीति की तारीफ़ करते हुए कहा है वह इसके ख़िलाफ़ नहीं थे, बल्कि पार्टी के कमजोर सिस्टम के ख़िलाफ़ थे। 

इसके साथ ही उन्होंने आम आदमी पार्टी यानी आप को केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की पार्टी क़रार दिया। आप को लेकर आज़ाद का यह बयान उस संदर्भ में आया है जिसमें आप दावा कर रही है कि वही गुजरात में बीजेपी को चुनौती दे सकती है।

ताज़ा ख़बरें

गुलाम नबी आज़ाद ने अपनी पुरानी पार्टी की जमकर तारीफ़ की है। श्रीनगर में एएनआई से बात करते हुए आज़ाद ने कहा, 'हालांकि मैं कांग्रेस से अलग हो गया हूँ, मैं उनकी धर्मनिरपेक्षता की नीति के ख़िलाफ़ नहीं था। यह केवल पार्टी की व्यवस्था के कमजोर होने के कारण था। मैं अभी भी चाहता हूँ कि कांग्रेस गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करे। आप ऐसा करने में सक्षम नहीं है।'

रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस पर भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी हिंदू और मुसलिम किसानों को साथ लेकर चलती है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी इन राज्यों में कुछ नहीं कर सकती, वे पंजाब में विफल हो गए हैं और पंजाब के लोग उन्हें दोबारा वोट नहीं देंगे। उन्होंने आप को केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली तक सीमित पार्टी क़रार दिया। उन्होंने कहा कि इसीलिए केवल कांग्रेस गुजरात और हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को चुनौती दे सकती है क्योंकि उनकी एक समावेशी नीति है।

बता दें कि कुछ महीने पहले ही कांग्रेस छोड़ने वाले गुलाम नबी आजाद ने सितंबर महीने में ही अपनी नई पार्टी का एलान किया था। उन्होंने पार्टी का नाम डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी रखा है। आजाद ने अगस्त महीने में कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। 
राजनीति से और ख़बरें

आजाद ने कहा कि नई पार्टी के लिए उन्हें लगभग डेढ़ हजार नाम मिले थे। यह नाम उर्दू और संस्कृत में भी थे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी महात्मा गांधी की विचारधारा पर चलेगी। आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कभी भी विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं और इसलिए उनकी पार्टी राजनीतिक गतिविधियों को जारी रखेगी। 

गुलाम नबी आजाद लंबे वक्त तक कांग्रेस में रहे। उन्होंने अपने इस्तीफे के पत्र में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर जोरदार हमले किए थे। आजाद ने कांग्रेस छोड़ने के साथ ही 5 पन्नों का इस्तीफे का पत्र पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा था। उस पत्र में उन्होंने पार्टी छोड़ने के लिए पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया।

सम्बंधित खबरें

आजाद ने इस्तीफे के पत्र में सोनिया गांधी को संबोधित करते हुए लिखा था कि दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से जब राहुल गांधी की राजनीति में एंट्री हुई और विशेषकर जनवरी 2013 के बाद जब उन्हें आपके द्वारा पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया, पार्टी में परामर्श तंत्र का जो ढांचा था, राहुल ने उसे ध्वस्त कर दिया। सभी वरिष्ठ और तजुर्बेकार नेताओं को किनारे लगा दिया गया और अनुभवहीन और चापलूस लोग पार्टी को चलाने लगे।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें