देश में पहाड़ों पर बर्फवारी से तापमान गिरकर 20 डिग्री सेल्शियस पर आ गया है लेकिन देश के मैदानी राज्यों में विधानसभा चुनावों की गर्माहट तेज हो गयी है। पारा दिन-ब-दिन बढ़ता दिखाई दे रहा है। राजस्थान में भाजपा की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे को मना लेने के दावे किये जा रहे हैं, वहीं मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस में कहीं बगावत जारी है तो कहीं मान-मनव्वल। उधर मिजोरम जाने के लिए भाजपा को कोई चंद्रयान नहीं मिल रहा है। अभी तक मिजोरम में चुनावी माहौल ठंडा बना हुआ है।

पहाड़ों पर बर्फ है और मैदानों में चुनावी गर्मी। राजनीतिक दल इस चुनावी गर्मी से कैसे निपट रहे हैं? जानिए, आख़िर क्यों उम्मीदवार भी तय नहीं कर पाए हैं।
पहाड़ों का मौसम बदलता है तो मैदानों का मौसम अपने आप बदलने लगता है, लेकिन इस बार बर्फवारी के बावजूद मैदानों में चुनावी सरगर्मियां देखने लायक है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ जीतने के लिए भाजपा हाईकमान को जहाँ रूठों को मनाने में पसीना आ गया वहीं मध्यप्रदेश में अपनी सत्ता बचाये रखने के लिए भाजपा हाईकमान को एड़ी -चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। कांग्रेस को राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता बचाना है जबकि मध्यप्रदेश और तेलंगाना में सत्ता हासिल करना है।