विपक्ष ने 2019 के लोकसबा चुनाव से पहले ईवीएम और वीवीपैट का मुद्दा जोरशोर से उठाया था। उसी समय करीब 19 लाख ईवीएम के गायब होने की सूचना आई थी, जिसका केंद्रीय चुनाव आयोग ने खंडन किया था। लेकिन आयोग ने आजतक यह साफ नहीं किया कि उसने जो ईवीएम का ऑर्डर सरकारी कंपनियों बीईएल और ईसीआईएल कंपनियों को दिया था, वो कितनी ईवीएम थीं और उसे कितनी ईवीएम कंपनियों से मिली थीं। अब 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह मुद्दा फिर गरमा उठा है। लेकिन बुधवार को यूपी के फर्रुखाबाद में गोदाम में 800 ईवीएम के जलने की खबर आई है। हालांकि उस गोदाम में शॉर्ट सर्किट का खतरा नहीं था, क्योंकि वहां बिजली कनेक्शन नहीं था।